बिहार

ये बदमाशों-इशारों में नीतीश-तेजस्वी की स्थापना पक रही है, अचानक एक दूसरे पर क्यों प्यार लुटाने लगे?

उत्तर

बिहार विधानसभा में नीतीश कुमार और बुढ़ापे के बीच फिर से उगी बात. रविवार को शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन भी चाचा-भतीजा के बीच संवाद हुआ।

पटना. पुरानी कहावत है कहावत में ना तो कभी कोई स्थायी शत्रु होता है और ना स्थायी दोस्त, समय और जरूरत के अनुसार यहां संबंध स्थापित होते हैं तो नामित भी होते हैं। बिहार की राजनीति में खास तौर पर इस कहावत के साथ चर्चा शुरू हो गई है क्योंकि कुछ महीनों की तल्खी के बाद चाचा नीतीश कुमार और किशोर किशोर यादव का मेल-मिलाप देखने को मिल रहा है। अनमोल, नीतीश कुमार और किशोरी यादव एक दूसरे को देखकर मुस्कुराने लगे हैं, अनमोल में बातें भी हो रही हैं। रविवार के बाद गुरुवार को भी जब बिहार विधानसभा में कुछ ऐसा ही नजारा दिखा तो चर्चा ने जोर पकड़ लिया कि, क्या बिहार की राजनीति फिर से सत्ता में आने वाली है?

भरतपुर, बिहार विधानसभा की कार्यवाही के चौथे दिन गुरुवार को भी नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव उन्होंने एक दूसरे का मजाक उड़ाया और दोनों को एक दूसरे को देखकर भी हंसी आ गई। बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधानसभा की कार्यशैली के दौरान सदन में पहले मौजूद थे. सबसे पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी आये. युवा यादव की पढ़ाई कुछ देर बाद क्षेत्र में शुरू हुई। तेजतर्रार यादव जब अमेरिका गए तो उस समय सदन की कार्यवाही शुरू हो गई और तारांकित प्रश्न पूछ जा रहे थे। इसी बीच युवा यादव अपने नेता प्रतिपक्ष की जगह पर बैठे रहे। इसके बाद कुछ ही क्षणों में सीएम नीतीश कुमार से उनके संपर्क मिले तो सीएम ने हाथों से आश्वासन दे दिया। वृद्धावस्था से पैकेट के अंदाज में बताया गया कि सीएम यह पूछ रहे हैं कि- अब तक कहां थे?

राजद नेता और बिहार विधानसभा नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव गुरुवार को सदन में काला कुर्ता उद्योग में थे, लेकिन वह बंदी नहीं थे, लेकिन रविवार को नीतीश कुमार ने बातचीत की थी। हैंड्स के उपवास में तेजस्वी यादव ने जवाब दिया कि उन्हें रसेल सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल किया गया है। सांकेतिक संवाद का प्रवाह करीब 45 विकाश तक चला होगा, लेकिन ये 45 विकाश बिहार की नासा में हलचल पैदा करने के लिए काफी है।

रविवार और गुरुवार को लगातार चाचा-भतीजे के बीच इस तरह का मेल-मिलाप, दोस्ती-साथी और संवादों का गठबंधन में बिहार की राजनीति के लिए बड़ा ही दिलचस्प हो गया है। अब सिद्धार्थ गलियारों में आतिशबाजी और स्टॉक्स का बाजार भी गर्म हो गया है। इसके पीछे की एक वजह यह भी है कि तेज तर्रार यादव ने कहा कि वह नीतीश कुमार को निजी तौर पर बहुत पसंद करते हैं और बिहार की जनता की बाकी बातें समझ रही हैं। नीतीश कुमार को लेकर तेजस्वी यादव की यही चर्चा शुरू हो गई है कि क्या नीतीश कुमार एक बार फिर पाला बदल सकते हैं?

टैग: बिहार की राजनीति, सीएम नीतीश कुमार, राजद नेता तेजस्वी यादव

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