उत्तर प्रदेश

1 लाख ताजा वैकेंसियां! युवाओं को राजनीति में लाने के लिए पीएम मोदी ने सेट की ये क्राइटेरिया

नई दिल्ली. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संविधान पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए हर पैमाने पर राजनेताओं के सवालों का जवाब दिया। मोदी ने फ्रैंक पर लिखी कई बातें विशेष रूप से, राजनीति में परिवारवाद को लेकर कांग्रेस पर आक्षेप बोला गया। पीएम मोदी ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर वैनों के कई तीर छोड़े। पीएम मोदी ने कहा कि मेरा लक्ष्य है कि मैं राजनीति में एक लाख लोगों को लाऊंगा। लेकिन, युवाओं की राजनीति में आने से पहले एक शर्त भी रख दी।

मोदी ने कहा, ‘देश में कांग्रेस की सरकार और खास तौर पर एक परिवार ने संविधान पर चोट करते हुए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. वह परिवार संविधान की बात करते हैं, जिन्होंने राजनीति में कुविचार और कुनीति की परंपरा को निरंतर कायम रखा। हर बार इस परिवार ने संविधान को चुनौती दी। पिछवाड़े से भी आधारभूत व्यक्ति को संविधान आगे बढ़ने का अवसर देता है, लेकिन कांग्रेस की स्थापना ने ऐसा नहीं किया। मेरी कोशिश है कि अब भौगोलिक रूप से भारत का कोई भी हिस्सा पीछे न रहे।

राजनीति में ताजगी की जरूरत- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा, नेहरू जी ने संविधान का विकास किया, इंदिरा जी ने उन्हें आगे बढ़ाया, राजीव जी ने खाद पानी डलवाया और अगली पीढ़ी को भी उस परंपरा को आगे बढ़ाया। एक पीढ़ी ने मेरे से पूर्व प्रधानमंत्री के ऊपर एक पद बनाया, जिसने कोई शपथ ही नहीं ली। उनकी अगली पीढ़ी ने तानाशाह के फैसले को सामने रखा।

संविधान पर चर्चा के दौरान परिवारवाद पर हमला
पीएम मोदी ने कहा कि वे लोग संविधान की बातें करते हैं, जिसमें से एक व्यक्ति ने अपने संविधान की बात करते हुए कहा कि अपना संवैधानिक फैसला बदल दे, ये कौन सी व्यवस्था है? मैं जो कुछ कह रहा हूं वो सब संविधान की ही कर रहा हूं बात। मोदी ने कहा कि आने वाले दशक में हमारे लोकतंत्र और राजनीति की दिशा क्या होनी चाहिए, इसका निर्णय होना चाहिए। धार्मिक सेकुलरिज्म को लेकर हमें मनाना चाहिए। मैं सभी वैज्ञानिकों से पूछना चाहता हूं और ये मेरे मन का विचार है। क्या इस देश में उपयुक्त व्यक्ति को राजनीति में अवसर मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए? किसी परिवार में कोई राजनीति नहीं है, उनके लिए क्या दरवाजा बंद होना चाहिए?’

एक लाख शहज़ादी राजनीति में आएंगे- पीएम मोदी
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के सिद्धांत को परिवारवाद ने गहरी क्षति पहुंचाई है कि नहीं? परिवारवाद की सदस्यता से मेरा अभियान चलाना संविधान की जिम्मेदारी है कि नहीं? इसलिए लाभार्थियों का अघिकार मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए? परिवारवाद की धूरी ही छोटे परिवार के लिए होती है। देश के युवाओं को आकर्षित करने और लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए युवाओं को आगे आने के लिए हमें सभी राजनीतिक संस्थाओं को प्रयास करना चाहिए। सभी राजनीतिक संगीत को ताजा ब्लड को राजनीति में लाना हमसब की जिम्मेदारी है। इसलिए मैंने लाल किले से कहा था कि एक लाख ऐसे प्रेमियों को देश की राजनीति में लाना है। किसी भी परिवार का कार्टून राजनीतिक परिवार से नहीं है। इस देश को एक ताज़ा हवाई जहाज़ की ज़रूरत है। देश को नई ऊर्जा की जरूरत है।’

टैग: भारतीय राजनीति, भारतीय युवा, पीएम मोदी, पीएम नरेंद्र मोदी

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