क्राइम

₹1000000 में लिया गया सौदा, ऑस्ट्रिया में लिखी हुई जानी थी नई किस्मत, अचानक… अब खुद को कोस रही पंजाब की यह बस्ती

आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस: शानो शौकत ने भारी जिंदगी की चाह में पंजाब के अमरो में रहने वाली इस लड़की ने 10 लाख रुपये में एक बड़ा सौदा कर लिया। डील के तहत इस संस्था को अपनी नई किस्मत का मौका मिल रहा था। किस्मत की नई इबारत ऑस्ट्रिया में लिखी गई थी। दो साल तक सब ठीक रहा, लेकिन इसके बाद कुछ ऐसा हुआ, जिसे लेकर ये लड़की खुद को आज तक कोस रही है।

आईजीआई एयरपोर्ट की डिप्टी उषा रंगनानी के मुताबिक, इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब यह लड़की आज से करीब 13 साल पहले 15 नवंबर 2011 को ऑस्ट्रिया से वापस आई थी। डॉकक्यूमेंट स्मारकक्रूटनी के दौरान पाया गया कि कुल प्रतिष्ठित कौर ने इस विश्वविद्यालय के डिपार्चर का रिकॉर्ड आप्रवासन सितारटम में मौजूद नहीं है। इसके बाद, कुल वकील को न्याय में ले लिया गया और मामले की गहनता से जांच शुरू हो गई।

तफ़तीश के दौरान, आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस को पता चला कि कुल अमीर कौर 8 जून 2009 को आईजीआई एयरपोर्ट से ऑस्ट्रिया के लिए उड़ान भरी थी। फिर, यह पासपोर्ट 12 जून 2009 को आगमन पर है। इसके बाद, कुल ऑस्ट्रिया को वापस ले लिया गया, इसका रिकॉर्ड सितारटम में नहीं है। दो साल के बाद, कुल मित्र एक बार फिर से हवाई जहाज़ के दौरे पर यात्रा के लिए जहाज़ के सामने खड़े थे।

हितैषी उषा रंगनानी ने बताया कि ब्युरो ऑफ इमीग्रेशन की याचिका पर तीर्थयात्रियों के कुल सहायक को गिरफ्तार कर लिया गया और गहन पूछताछ शुरू की गई। पूछताछ के दौरान जो खुलासा कुल अध्येताओं ने किया, वह सभी को हैरान करने वाले थे। कुल वकील कौर ने बताया कि उनके कुछ अवशेष ऑस्ट्रिया में रहते हैं। देखा जाए तो वह भी शानोशौकत भरी जिंदगी की चाहत में ऑस्टिया जाना चाहती थी।

अपनी इस हसरत को पूरा करने के लिए उसने मंजीत सिंह नी बिट्टू नामक एजेंट से संपर्क किया। बिट्टू ने उन्हें 10 लाख रुपये के आस्ट्रिया के मजदूरों का भरोसा दे दिया। टाय प्लायन के तहत, 8 जून 2009 को कुल मिलाकर ऑस्ट्रिया के लिए प्रस्थान हो गया। आस्ट्रिया के ही मंजीत सिंह ने अपना पासपोर्ट अपने पासपोर्ट में ले लिया। मनजीत सिंह ने अपना पासपोर्ट एक दूसरी संस्था को भारत भेज दिया।

कुछ समय बाद मंजीत सिंह ने अपना पासपोर्ट वापस ले लिया। इस घटना से करीब दो साल बाद उन्होंने खुद भारत के लिए तीरंदाजी की और आईजीआई की एयरपोर्ट सूची पर कब्जा कर लिया। करीब 13 साल पुराने इस मामले को एक बार फिर से बंद कर दिया गया है, जिसे 18 दिसंबर 2024 को गिरफ्तार कर लिया गया था।

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