बिहार

पूजा खेडकर: आईएएस बनने के बाद स्थिर हो गई थीं, अब जेल तक जाने की नौबत!

आईएएस पूजा खेडकर समाचार: पूजा खेदकर पर फर्जी बैसाखी कंपनी के शेयर खरीदने का आरोप लगा। यूपीएससी ने इन पर दर्ज कार्रवाई दी और मामला उच्च न्यायालय तक पहुंच गया। अब मुस्लिम चर्च ने भी एक बड़ा झटका दिया है और उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई है। अब इस मामले में उन्हें कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है. आइये आपको बताते हैं पूजा खेडकर की पूरी कहानी…

यूपीएससी परिणाम: 2022 में यूपीएससी परीक्षा पास करें
पूजा खेदकर ने वर्ष 2022 में संघ लोक सेवा आयोग की सिविल परीक्षा दी थी। इस परीक्षा में पूजा ने ऑल इंडिया रैंक (AIR) 841 हासिल की। उनके सेलेक्शन इलेक्ट्रोनिक पैड के लिए 2023 बैक्स का इलेक्ट्रोनिक पैडर के टुकड़े और महा सीलबंद कैडर की कीमत तय की गई। मसूरी में ट्रेनिंग के बाद उनकी पहली नियु क्वार्टी पुणे में आसी स्मारक कल अटैचर के पद पर हुई। बता दें कि पूजा खेदकर ने सबसे पहले यूपी एसएससी परीक्षा का खुलासा किया था और वह डॉक्टर बन गई थीं, हालांकि जांच में यह भी खुलासा हुआ था कि डीटेल्स इंडस्ट्रीज भी फर्जी दस्यु बैंकों पर आधारित थी।

पूजा खेडकर न्यूज: और यहां से शुरू हुआ विवाद
पूजा खेडकर ने जब पुणे में असि सीमेंट कल फिल्मर बनीं, तो उन पर अलग-अलग चेंबर, आवास और कार आदि सुविधाओं की मांग का आरोप लगाया। उनकी निजी कार लाल-नीली बट्टी और महा हजरत सरकार की प्रतीकात्मक यात्रा पर भी विवाद की स्थिति बन गई। बाद में जारी कल अटैचमेंट से उनका विवाद हो गया। पुणे कल अटैचर ने इस मामले की याचिका मुख्‍य मंत्री सचिव से कर दी. पूजा खेदकर का कोरोनवायरस पुणे से वाशिम के लिए दिया गया।

पूजा खेडकर अपडेट्स: फ़र्ज़ी दुकान पर भी लगा आरोप
महाअनिवार्य सरकार की जांच में पूजा खेदकर पर कई तरह के आरोप लगे। पूजा खेडकर की यूपीएससी सीएसई-2022 की परीक्षा में शामिल होने के लिए कई व्यक्तिगत जानकारियों की बातें सामने आईं। इसके अलावा यह भी आरोप लगाया गया कि सर्किट बोर्ड डिसएबिलिटी इंस्टालेशन यूपीएससी की परीक्षा पास की है और रेलवे की रैंक हासिल की है। ये सारी तथ्‍ययोग्यता सामने आने के बाद पूजा खेडकर ने यूपीएससी को अयोग्‍यता सही करार दी। इसके बाद केंद्र सरकार ने प्लास्टिक बर्खास्ट कर दिया।

यूपीएससी ने किया प्रदर्शन
यूपीएससी ने इस मामले में पूजा खेडकर पर फर्जी दस्तावेज दर्ज कराए थे। इसके बाद पूजा खेदकर ने फिलाडेल्फिया के चर्च में मूर्तियां रखीं। अपनी याचिका में पूजा खेदकर ने दिल्ली उच्च न्यायालय से सिविल असोजिट के लिए अपने 12 प्रयासों में से 7 प्रयासों में अस्वीकृत करने की अपील की थी। खेडकर ने अपने मरीज़ में तलाक होने का दावा किया था. 47% अलॉटमेंट होने के बावजूद भी वह जनरल अलॉटमेंट से अजामिया में थी। 4 सितंबर को कोलोनीज़ पुलिस ने उच्च न्यायालय में अपने स्मारकों की रिपोर्ट की और कई खुलासे किये। फिलीपीन पुलिस ने पूजा खेदकर की गिरफ़्तारी की मांग की। समकक्ष लेकर पूजा करने वाले खाकर ने पूर्व जमानतदारों के चर्च की स्थापना की थी, जिसे मुसलमानों ने खारिज कर दिया था और कहा था कि यूपीएससी ने एक प्रति आयोग की परीक्षा ली है और इस तरह के मामले में समाज के खिलाफ भी सिद्धांतों को बढ़ावा दिया जाता है। कोर्ट से झटका मिलने के बाद पूजा खेदकर पर गिरफ़्तारी की तलवार लटक गई।

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