
भाई की पासिंग आउट परेड देखी..जाग जोश, जॉब केयर पार्टनर बनी एयरफोर्स कंपनी, पढ़ें सैक्सेस स्टोरी
भोपाल. आज के दौर में लड़कियां लड़कों से किसी भी काम में पीछे नहीं हैं। इसी तरह भोपाल के 25 साल के मुसाफिर खान ने सच कर दिखाया बात है. उनका चयन भारतीय मशीनरी के तकनीकी गोदाम में फ्लाइंग ऑफिसर के पद पर हुआ है। इसका श्रेय वह अपने माता-पिता के साथ भाई को भी देती है, आज तक की मदद से उसने यह उपलब्धि हासिल की है।
बता दें कि 18 दिसंबर को अवशेषों की ओर से नतीजे घोषित किए गए थे, जिसमें शहर की सिद्धार्थ लेक सिटी कॉलोनी में रहने वाली मस्जिद का भी चयन किया गया था। उन्होंने भारतीय मशीनरी के टेक्निकल स्टोर में फ्लाइंग ऑफिसर के पद पर 6वीं रैंक हासिल की है। उनके पिता एमएच खान जवाहर नवोदय विद्यालय के निर्माता हैं।
भाई की पासिंग आउट परेड देखने के लिए…
लोक 18 से बात करते हुए मस्क ने कहा, ‘उनका शुरुआत में डिफेंस की ओर बिल्कुल रुझान नहीं था. मगर, मेरे भैया भी सेना के जवान हैं, जब मैंने उनके पासिंग आउट परेड का निरीक्षण किया तो वहां से मुझे डिफेंस में जाने की प्रेरणा मिली और यह ठान लिया कि मैं भी डिफेंस में शामिल होना चाहता हूं।’ वह कहते हैं, ‘ग्रेजुएशन के बाद नौकरी की थी, जिसके बाद लगभग 3 साल की तैयारी के बाद नौकरी छोड़ दी, जहां यह हासिल हुआ।’
ऐसा हुआ सिलेक्शन
मुस्कान का कहना है, उन्होंने सबसे पहले एयर फोर्स के जनरल सेक्रेटरी टेस्ट (एएफसीएटी) पास कर सर्विस सिलेक्शन बोर्ड (एसएसबी) की 5वीं दिव्य परीक्षा पास की। इस परीक्षा में मेडिकल और रिव्यू जैसे अलग-अलग दौर के गांव हैं। इसके बाद मेरिट लिस्ट के आधार पर आपका सिलेक्शन होता है।
खुद के लिए स्टैंड लेना जरूरी
मुस्कान ने सभी अभिभावकों को संदेश देते हुए कहा कि आज के दौर में लड़कियां बहुत अच्छी हो रही हैं। वहीं, कुछ फील्ड में वह वैज्ञानिकों से बहुत आगे हैं। आपको अपनी बेटी पर भरोसा होगा, जो और भी बेहतर करेगी। साथ ही लड़कियों के लिए कहा जाता है कि उन्हें खुद के लिए स्टैंड लेना जरूरी है। तभी आप जीवन में अच्छा हासिल कर सकते हैं।
बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देना जरूरी
मुस्कान के पिता एमएच खान ने कहा कि मेरे दोनों बच्चों को राष्ट्रीय स्तर की सेवा में जाना जाता है तो डिफेंस से बेहतर कोई दूसरा विकल्प नहीं था। उनका कहना है कि हमें सबसे ज्यादा बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि अगर पढ़ाई अच्छी है तो उन्हें किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी। हमने दोनों बच्चों को कभी किसी कार्य से नहीं पूछा।
बेटा-बेटी में फर्क नहीं किया
मुस्कान की मां असमा खान बताती हैं कि एक मां होने के नाते मेरी बेटी सिर्फ किचन में ही रहे और हम उसकी शादी कर दें। हमने कभी बेटे और बेटी में किसी तरह का फर्क नहीं समझा। मैं हर मां से यही कहती हूं इच्छा है कि आप अपनी बेटी को हर वो काम सिखाएं, जिससे वह जीवन में आगे कुछ अच्छा हासिल कर सके।
इंदौर से बीटेक किया
मुस्कान ने साल 2016 में जवाहर नवोदय विद्यालय से 12वीं की परीक्षा पास की थी, जिसके बाद इंदौर के श्री वैष्णो विश्वविद्यालय से बीटेक (कंप्यूटर साइंस) में दाखिला लिया। बता दें, कि 1 साल 5 महीने की ट्रेनिंग के बाद फ्लाइंग ऑफिसर की रैंक पर मुस्कान आएगी।
पहले प्रकाशित : 24 दिसंबर, 2024, 18:28 IST