
कहाँ खो गये हो गये बिहार के सिंह? अभी तक स्वीकार नहीं हुआ छोड़ दिया! प्रेमी को अपडेट का सबसे पहले इंतजार है
पटना. बिहार के सिंह के नाम से मशहूर आईपीएस शिवदीप लांडे इन दिनों ना तो सोशल मीडिया पर हर जगह नजर आ रहे हैं और ना ही सरकारी नोटिफिकेशन में उनका नाम दिख रहा है। 19 सितंबर को उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के त्यागपत्र की बात लोगों को बताई। इसके बाद उनकी राजनीति में सुगबुगाहट तेजी से बढ़ी लेकिन शिवदीप लांडे ने इन खबरों को खारिज कर दिया। 20 दिन बाद 9 अक्टूबर को बंदी शिवदीप लांडे का पोस्टर लगा दिया गया। ऑनलाइन पूर्णिया रेंज के आईजी से टमाटर प्रशिक्षण आईजी भेजा गया। इसके बाद शिवदीप लांडे मीडिया और सोशल मीडिया से दूर ही हो गए।
फिर मंदी का क्या हुआ
शिवदीप लांडे को तीन महीने से भी अधिक समय तक पद छोड़ना पड़ा। लेकिन अभी तक उनकी जमानत पर कोई अपडेट नहीं आया है। पुलिस मुख्यालय और गृह विभाग को करीब से संकेत देने वाले शिक्षक अभी तक शिवदीप लांडे को स्वीकार नहीं कर पाए हैं। उनके बायस्ड को उनके खाली गृह विभाग को भेज दिया गया। गृह विभाग अलग-अलग इकाइयों से एनओसी मांग रहा है। जानकारी यह भी मिली है कि पर्यवेक्षण विभाग ने एनओसी दे दी है।
यह जानकर कि उनकी छुट्टी अभी गृह विभाग में है, नीतीश कुमार के पास भी पहुंच नहीं है। इसी तरह प्रोकिया में देरी हो रही है। शिवदीप लांडे की फाइल राज्य के गृह मंत्री के पास अलॉटमेंट। इसके बाद फिर से राज्य के गृह विभाग, केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया. केंद्रीय गृह यूपी विभाग बोर्ड से परामर्श। इसके बाद राज्य सरकार की फाइल फॉर्म वापस ले ली जाएगी। टैब अंतिम अधिसूचना जारी किया गया। इस प्रक्रिया में अभी समय लगने की संभावना है।
शिवदीप नेकास्ट मीडिया से नाता
2006 में बिहार में सबसे खराब छुट्टी वाले अधिकारी थे। अपने काम को लेकर हमेशा के लिए फ्रांसिस्को में बने रहे जबसे उनकी प्रयोगशाला प्रशिक्षण आईजी के रूप में हुई, उन्होंने मीडिया से दूरी बना ली है। सोशल मीडिया पर भी उनके लाखों धड़ले वाले हैं और शिवदीप बराबर एक्टिव रहते थे। लेकिन आजकल सोशल मीडिया से भी उन्होंने दूरी बना ली है। मेटा और सलाम पर उनकी आखिरी पोस्ट 07 नवंबर की है। उन्होंने अपने इस पोस्ट में लिखा, ”आस्था के महापर्व छठ के साध्य अर्घ्य को नमन.” आज पुणे में हूं और यहां छठ मना रही हूं.\’ इसके बाद उन्होंने कोई अपडेट नहीं डाला. ये हाल एक्स का भी है.
अब आगे क्या…
शिवदीप लांडे प्रशिक्षण आईजी के पद पर हैं और राज्य सरकार की अधिसूचना का इंतजार कर रहे हैं। मार्च 2025 तक इसका इंतजार करना होगा क्योंकि 6 महीने बाद ही उनका कानूनी दरवाजा खुल गया। लीगल डोर का मतलब होता है कैट यील्ड केंद्रीय न्यायधिकरण. यह एक विशेष अदालत है जो सिविल सेवकों की मदद के लिए होती है।
यह जानते हुए भी अपना परिचय दिया है कि अभी अगर वो पद आवेदन हैं तो पेंशन से लेकर पेंशन भी रह सकते हैं। पेंशन के लिए पात्र बनें कम से कम 20 वर्ष की आयु तक की सेवा। बाकी वो 2006 में बच्चों के अवशेष हैं, लगभग एक साल और सहायक उपकरण के लिए उन्हें पेंशन मिलती है। हालाँकि उन्होंने अब रिजाइन दे दिया है तो अब बस राज्य सरकार की अधिसूचना का इंतजार है।
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पहले प्रकाशित : 30 दिसंबर, 2024, 08:19 IST