
किशोर यादव की ‘राक्षस’ ने मचाई थी हेकड़ी, रातभर पटना में हुआ हंगामा, क्या है ये किस्सा?
पटनाः पूर्व एफ़एफ़आई और पटना महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर किशोर अब इस दुनिया में नहीं रहे। रविवार को उनका निधन हो गया. सचिव बनने से पहले किशोर फोटोग्राफर थे. उनके जीवन की एक घटना की चर्चा खूब होती है, जब वो पटना के दोस्त रहे। किशोर किशोर के छात्रावास के दौरान पटना स्टेशन के बाहर महावीर मंदिर का जीर्णोद्धार शुरू हुआ था। लेकिन इस बीच महाराजा सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री प्रसाद यादव महावीर मंदिर के एक हिस्से को तोड़ना चाहते थे। इसके लिए वो पूरे अल्लाकमान के साथ महावीर मंदिर तक पहुंच गए। लेकिन किशोर किशोर के अवशेष उन्हें बेरंग वापस लौटाना पड़ा।
महावीर के मंदिर के पुजारी को लेकर शुरू हुई थी खटास
किशोर किशोर की जीवनी ‘दमन तक्षकों का’ में महावीर मंदिर के एक हिस्से को तोड़ने की घटना का जिक्र किया गया है। जिसमें शामिल रहे पूंजीपति यादव और किशोर पॉलिटिक्स के बीच रिश्ते में खटास आने का पूरा मामला बताया गया है। विश्वास यादव जब बिहार के सीएम बने तो उनके कुछ समय बाद उन्होंने पटना के महावीर मंदिर के महंत और पूर्वजों के नाम पर राम राम का नाम आगे बढ़ाया। लेकिन किशोर ने यहां भी वामपंथी यादव को बड़ा झटका दे दिया था. किशोर किशोर ने 1993 में महावीर मंदिर में दलित पुजारी की नियुक्ति कर दी। कट्टरपंथियों के इस फैसले से पहले ही कहा गया था. अयोध्या के संत रविदास मंदिर के फलहारी सूर्यवंशी दास को पुजारी ने दिया था।
दल-बल के साथ एबीवीपी यादव खाली हाथ थे
इसके अलावा किशोर फिशनेट यादव को एक और झटका दिया था। इसके बाद महावीर मंदिर के और दक्षिणी पूर्वी हिस्से को गिराने के लिए यादव आधी रात के किले को तोड़ दिया गया। तब उस रात मंदिरों को आंशिक रूप से तोड़ने की तैयारी के विरोध में वे अपने आपराधिक प्रस्ताव के लिए प्रस्तुत हुए थे तब मंदिर के आंशिक रूप से विध्वंस की तैयारी के विरोध में मूर्तिपूजक प्रसाद यादव ने मंदिर के आंशिक रूप से विध्वंस पर विचार किया था।
एबीवीपी यादव ने कहा था- कैनन कट्टरपंथियों…
वर्ष 1996 में 2 जुलाई को किशोर किशोर पर यादव ने एक टिप्पणी की, जिससे विवाद शुरू हो गया। कुणाल के महावीर मंदिर में जाने को लेकर वामपंथी यादव ने कहा था, ‘कुणाल महावीर मंदिर में एक घंटा बजता है, ऐसे में इस मंदिर को अंतिम रूप दिया जाना चाहिए और जेल भेजा जाना चाहिए।’ 24 घंटे के पब्लिक माफ़ी में नहीं तो कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
बिश्नोई यादव के शेयरों को जड़ दिया गया था
1995 में बिहार विधान सभा चुनाव में भी किशोर मतदाताओं के नेतृत्व में सी.आई.एस.पी. मोर्टार ने काफी संकटग्रस्त राज्यों और द्वीपों के लिए सीआईएसएफ के जवानों को चुनाव में खड़ा किया, जबकि शेष हिस्से में यादवों को पद दिया गया था। सीआई-एसएफ के एक जवान ने पटना में एक बूथ पर यादव के समर्थकों को तमाचा जड़ दिया था।
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पहले प्रकाशित : 1 जनवरी, 2025, 09:10 IST