
महाकुंभ के दौरान गंगा-यमुना और संगम में डूबने से ऐसे बचोगे स्पेशल टीम, ट्रॉली में दिखाया गया राक्षस
उतर: महाकुंभ 2025 को लेकर नवीन लगभग पूरी हो चुकी हैं। ऐसे में महाकुंभ मेले के सुरक्षित आयोजन को लेकर सभी विभाग अपने-अपने स्तर से लगातार परीक्षण पर नजर रख रहे हैं. महाकुंभ के दौरान लोग गंगा-यमुना के पावन संगम पर पहुंच जाएंगे। इस दौरान नाविकों और जल पुलिस के पास लोगों की सुरक्षा की बड़ी जिम्मेदारी है। इसे देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग से लेकर जल पुलिस तक लगातार यमुना में डूबते हुए आपदा प्रबंधन विभाग से संपर्क कर रहे हैं।
ऐसे ही बैचलर वर्क्स
मनोज शर्मा उप-महानिरीक्षक के निर्देशन में टीम आपदा प्रबंधन और प्रशिक्षण विकास स्केल पर बड़े पैमाने पर कोचिंग, स्कूल सुरक्षा और क्षमता निर्माण कार्यक्रम के अभियान चला रही है। इसी क्रम में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की टीम द्वारा पक्के घाट संगम में लगभग 90 समुद्री जल आपदा बचाव का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में आने वाले महाकुंभ को देखते हुए पानी में डूबने से लेकर आने वाले मछुआरों तक का ध्यान यहां सभी भारतीयों की जानकारी दी जा रही है। इसके अलावा सीपीआर डिलीवरी की तकनीक, इंप्रो सिद्धांत राफ्ट बनाने की तकनीक और उसका उपयोग करने के साथ ही पीड़ित को अस्पताल ले जाने से पूर्व चिकित्सा उपायों आदि की जानकारी दी गई।
साथ ही दुर्घटना में घायल व्यक्ति की जांच करने के लिए मेथड से एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाना, सर्वेयर बनाना, फर्स्ट एड देना, सर्पदंश के समय उपचार देने के तरीके शामिल थे। आपदा प्रबंधन जागरूकता अभियान के तहत आपदाओं से बचने और उसके नुकसान को कम करने के तरीके बताए गए। करीब 90 स्थानों के नाविकों को जल आपदा बचाव का प्रशिक्षण दिया गया और सभी लोगों को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
उप महानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि नाविकों की सुरक्षा हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है, ऐसे में इन नाविकों के प्रशिक्षण के लिए हम मठाधीशों पर अपनी नजर रखते हैं, उन्होंने कहा कि नाविक संघ के उपाध्यक्ष से हम लोगों की मुलाकात हुई है। काम काफी आसान हो गया इन नेविको को प्राथमिक उपचार से लेकर सीपीआर और अस्पताल पहुंचने तक की ट्रेनिंग भी दी जा रही है।
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पहले प्रकाशित : 1 जनवरी 2025, 23:57 IST