
बुरहानपुर का अनोखा संगठन: अंतिम संस्कार करने वाले जय बजरंग सेना की प्रेरक कहानी
मोहन ढाकले,बुरहानपुर: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में एक ऐसा संगठन काम कर रहा है, जो सेवा भाव और करुणा की मिसाल है। शाहपुर क्षेत्र में तेलुगू जय बजरंग सेना ने इस संगठन को बंधक बना लिया और किसानों की हत्या कर उनके विधि-विधान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया। इस ऑर्गनाइजेशन की शुरुआत एक साल पहले हुई थी और तब से लेकर अब तक इसमें करीब 50 सहयोगियों और सहकर्मियों का अंतिम संस्कार किया गया है।
कैसे हुई संगठन की शुरुआत?
जय बजरंग सेना की स्थापना का उद्देश्य प्रतिष्ठा और सम्मान को बढ़ावा देना था। संगठन के प्रमुखों ने देखा कि अनिल सामुहिक और संग्रहालय के सदस्यों ने यह विचार तब किया जब उन्होंने कहा कि मृत सामान के टुकड़े को बार-बार लावारिस छोड़ दिया जाता है। उन्होंने तय किया कि इन लोगों को उचित सम्मान मिलेगा, जो एक इंसान को अंतिम संस्कार के दौरान मिलता है।
संगठन की शुरुआत में केवल 10 लोग जुड़े थे, लेकिन आज यह संख्या 20 हो गयी है। इन सदस्यों का उद्देश्य सेवा भाव से प्रेरित उद्यम के प्रति करुणा दिखाना है।
संगठन की कार्यालय
संगठन के सदस्य अपना घर खर्च की राशि बचाकर इसे संगठन के लिए जमा करते हैं। इस राशि में अंतिम संस्कार के उपयोग वाली सामग्री जैसे लकड़ी, फूल और अन्य आवश्यक तत्व शामिल हैं।
जब किसी जानवर की मृत्यु की सूचना मिलती है, तो संगठन के सदस्य वहां तैनात होते हैं। अगर जानवर घायल हो जाए तो पहले उसे अस्पताल ले जाएं। मृत्यु होने की विधि, हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार-विधान से अंतिम संस्कार किया जाता है।
एक घटना जिसने मार्शलों को चौंका दिया
हाल ही में, एक बंदर की करंट लीख से मौत हो गई थी। जैसे ही संगठन को सूचना मिली, वे उसे अस्पताल ले गए, लेकिन दार्शनिक ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद जय बजरंग सेना ने पूरे विधि-विधान के साथ बंदर का अंतिम संस्कार कर दिया। इस घटना में क्षेत्र के कई लोगों को प्रभावित किया गया और संगठन के कार्यों का खुलासा किया गया।
लोगों में बढ़ रही जागरूकता
संगठन के सदस्यों का मानना है कि उनके कार्य से समाज में जागरूकता बढ़ रही है। अनिल महाजन कहते हैं कि हम चाहते हैं कि हमारे कार्यों को प्रेरित करें। यदि सभी लोग सम्मिलित रूप से ऐसे कार्य में योगदान छोड़ते हैं, तो एकल के प्रति समाज का नजरिया बदला जा सकता है।
मित्र के प्रति करुणा का संदेश
जय बजरंग सेना का काम केवल सेवा तक सीमित नहीं है। यह समाज को साहिल के प्रति संविधान का संदेश भी देता है। फॉलोअर्स की देखभाल, उनकी प्रति सहानुभूति और सम्मान से जुड़ी इस संस्था का काम अनोखा और प्रेरणादायक है।
अब तक 50 कोयले का अंतिम संस्कार
संगठन के सदस्यों का कहना है कि पिछले एक साल में उनका 50 से अधिक बार अंतिम संस्कार किया गया है। उनका उद्देश्य है कि इस काम को और बड़े पैमाने पर फैलाया जाये और अधिक लोगों को इस आशा से जोड़ा जाए।
भविष्य की योजनाएँ
जय बजरंग सेना की योजना में एक प्रतिष्ठित केंद्र की स्थापना की गई है, जहां पर मृत्यु का इलाज किया जा सकता है और मृत मृत्यु का विधि-विधान से अंतिम संस्कार किया जा सकता है। संगठन के सदस्य आशा करते हैं कि उनके इस प्रयास को समाज को और अधिक समर्थन मिलेगा।
टैग: अजब गजब खबर, स्थानीय18, मध्य प्रदेश समाचार
पहले प्रकाशित : 6 जनवरी, 2025, 14:08 IST