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दिल्ली एयरपोर्ट धोखाधड़ी मामला: पासपोर्ट पासपोर्ट में लगी ‘फेरी’, फिर 13 साल बाद…

दिल्ली आईजीआई हवाईअड्डा समाचार: गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पुलिस ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है, जिसने पहली बार एक कंपनी को अपने जाल में फंसाने के लिए दस लाख रुपये की संपत्ति खरीदी थी। इसके बाद, वह इटली के पासपोर्ट हस्तशिल्पी फेरी धारक लगा। इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब पवित्र ईसाई धर्म विदेश से भारत सागर और ब्युएरो ऑफ इमिग्रेशन ने इस धार्मिक ग्रंथ के कार्टूनों की वजह से इस ईसाई को गिरफ्तार कर लिया।

आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार किए गए व्यक्ति की पहचान कुल उपनाम के तौर पर हुई थी। ऑस्ट्रिया से वापस आई कुल नवाब पंजाब के सरदारगढ़ साहिब की रहने वाली थी। ब्युरो ऑफ इमिग्रेशन की जांच में पता चला कि 8 जून 2009 को ऑस्ट्रिया के एयरपोर्ट से ऑस्ट्रिया के लिए प्रस्थान हुआ था। इसिसिटी के पासपोर्ट पर 12 जून 2009 का एक आगमन आगमन है। लेकिन, भारत से डिपार्चर के इस पासपोर्ट पर कोई प्रवेश नहीं है।

दोस्ती से पूछताछ में पता चला कि ऑस्ट्रिया पर चढ़ाई के बाद मनजीत सिंह नाम के शख्स ने उसका पासपोर्ट अपने कब्जे में ले लिया था और उसके पासपोर्ट पर एक दोस्त को ऑस्ट्रिया से भारत भेजा गया था। इस मामले का खुलासा होते ही पुलिस ने मनजीत सिंह की तलाश शुरू कर दी। पुलिस मनजीत सिंह तक पहुंच गई, इससे पहले वह बेरोजगार हो गई थी। लगातार कई सालों की जद्दोजहद के बावजूद एयरपोर्ट पुलिस मंजीत को गिरफ्तार नहीं कर सकी।

आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस की टीम को करीब 13 साल बाद मंजीत के भाई का पता चला और पुलिस ने पंजाब के लुधियाना से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में मंजीत सिंह ने अपना गुनाह इंटर्नशिप कर लिया और बताया कि उसने ही कुल डियाज़ कौर को संयुक्त राष्ट्र से आस्ट्रिया भेजा था और उसके बाद कुल ‍अध्यक्ष के पासपोर्ट पर एक ‍विद्यापीठ को भारत भेजा था।

पहले प्रकाशित : 23 दिसंबर, 2024, 10:18 IST

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