
सोशल मीडिया पर जलवा! अपने वोट से जीता लोगों का दिल, हर कोई कर रहा है शेयर…
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सतना समाचार : जनाथ के युवा कवि प्रियांशु कुशवाहा बौद्धी बाजार के माध्यम से सोशल मीडिया पर छाये हुए हैं। हास्य और अनासक्त से जागरूकता फैलाने वाले प्रियांशु को विरासत में मिली कविता की प्रेरणा। उनके असली वीडियोज़ पर लाखों व्यूज हैं। दूरदर्शन व…और पढ़ें

बंगाली भाषा को राष्ट्रीय पहचान वाले जनाथ के युवा कवि प्रियांशु ‘प्रिय’
हाल. पूर्वोत्तर जिले के युवा कवि प्रियांशु कुशवाहा ‘प्रिय’ ने अपनी राष्ट्रीय राजधानी की पहचान बंगाली भाषा को नई दी है। हिंदी साहित्य के छात्र रहे प्रियांशु आज विंध्य क्षेत्र की बंगाली बोली में कविताएं गाते हुए सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बने हुए हैं। अनचाहा रियल हो, फेसबुक या फिर लाइक स्टेटस प्रियांशु अपने डेमो के माध्यम से कॉमिक, अनकल्ड और सोशल अवेयरनेस का संदेश दे रहे हैं।
ग्राम पंचायत मरौहा निवासी प्रियांशु ने स्थानीय 18 को बताया कि उनकी कविताएं विरासत में मिली हैं। उनके पिता सूर्यभान कुशवाहा भी एक बघेल के लोकप्रिय कवि हैं। पिता के साथ कवि सम्मेलनों में जाते-जाते उनकी रुचि भी बाजार की ओर बढ़ती है। जुलाई 2024 में प्रियांशु ने ‘बघेली कविता’ चैनल की शुरुआत की। शुरुआत में उन्हें काम देखने को मिला, लेकिन उनकी कविता “पढ़ाई लिखय मा पूने आठ, काम करन का साझेदारी-चार हाथ के ले मोबाइल, चौराहा मा बनबय रील।” दर्शकों का दिल जीत लिया.
सोशल मीडिया पर बंटवारा
प्रियांशु की डेमोक्रेट को सोशल मीडिया पर तेजी से लोकप्रियता मिली, आज उनके वीडियो पर लाखों व्यूज आते हैं। इस सफलता के पीछे उनका कड़ा संघर्ष और मेहनत है। प्रियांशु ने अपने करियर की शुरुआत नागार्जुन रेडियो में आरजे के तौर पर की थी और उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
कवि सम्मेलनों एवं राष्ट्रीय मंचों पर पहचान
प्रियांशु ने देश के कई जिलों में अपने-अपने जिलों का प्रतिनिधित्व किया है। उन्हें विंध्य क्षेत्र के कई कवि सम्मेलनों में आमंत्रित किया जाता है। हाल ही में उन्होंने दूरदर्शन मध्य प्रदेश और आकाशवाणी रीवा पर अपने स्मारकों के अवशेष दिये। उनकी कविताएँ समय-समय पर विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में भी प्रकाशित रहती हैं।
प्रियांशु का कहना है कि उनका उद्देश्य अंग्रेजी भाषा को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाना है। उनका यह प्रयास न सिर्फ बंगाली भाषा के लिए प्रेरणादायी है बल्कि युवा पीढ़ी के लिए भी एक मिसाल है।