
नीतीश कुमार के करीबी आईएएस ने ‘दूरी’ कैसे बनाई? बिहार में तेजस्वी यादव के ‘डीके टैक्स’ का लुक दिखा असरदार
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बिहार की राजनीति में आईएएस: क्या भरोसेमंद नेता तेजस्वी यादव ने ‘डीके टैक्स और डीके बॉस’ वाले सीएम नीतीश कुमार को बैकफुट पर भेजा है? सीएम के लिए पांच-छह आदेश अधिकारी और उनसे जुड़े कर्मचारियों के मामले से क्या होगा नुकसान?

युवा यादव बिहार कैडर के रिपाेर्ट अधिकारियों पर हमला क्यों बोल रहे हैं?
बिहार में डीके टैक्स पॉलिटिक्स: बिहार के ब्यूरोक्रेसी में क्या हो रहा है बड़ा बदलाव? क्या सीएम नीतीश कुमार के पोर्टफोलियो-गिरद साय की तरह रहने वाले रीयाच अधिकारियों के अब कतरे जाएंगे? अगर इस तरह के सवाल आपके मन में बार-बार उठ रहे हैं तो युवा यादव के बयान का मतलब जानना बेहद जरूरी है। असली, युवा यादव राज्य के कुछ वरिष्ठ आध्यात्मिक अधिकारी लगातार हमले बोल रहे हैं। खासकर ‘डीके टैक्स और डीके बॉस’ वाला उनका बयान खूब सुरखियां मांग रहा है। वहीं, सीएम नीतीश कुमार प्रगतिशील यात्रा में शामिल हो रहे हैं। लेकिन युवा यादव का ‘डीके टैक्स और डीके बॉस’ वाले बयान से बिहार में अनमोलता गरमा गई है। राजनीतिक गलियारा तो छोड़िए आम जनता भी पूछ रही है कि आखिर ‘डाइक बॉस और उनके डीके टैक्स’ कौन हैं? ऐसे में युवाओं के इस बयान के बाद अधिकारियों की नींद क्या उड़ गई? नीतीश कुमार के साथ किस तरह के रहने वाले सचिव और प्रधान सचिव स्तर के एसोसिएट्स अधिकारियों ने अब दूरी बनाना शुरू कर दिया है?
तेजतर्रार यादव ने पहले भी नीतीश सरकार पर ‘आरसीपी टैक्स’ का आरोप लगाया है. लेकिन, इस टैक्स की उस समय छूट निकल गयी. हालाँकि, बाद में वह नामांकित व्यक्ति और नीतीश कुमार से दूर चले गए। एक बार फिर से तेजस्वी यादव ने बिहार की राजनीति में ‘डाइक टैक्स’ वाला बम फोड़ा है। युवा यादव के इस बयान पर सहयोगी और भाजपा दोनों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। नामांकित नेता तो यहां तक बोल रहे हैं कि जब बिहार में लालू यादव और राबड़ी देवी की सरकार थी तो ए, डी, जी और आर टैक्स वसूले जाते थे।

जज्ज
बिहार में पॉलिटिक्स पर डीके टैक्स और डीके बॉस
लेकिन, तेजस्वी यादव के इस बयान के बाद नीतीश कुमार के अगल-बगल में हमेशा साथ रहने वाले कुछ अधिकारी अब बहुत कम नजर आ रहे हैं। जबकि, पहले अधिकारी नीतीश कुमार के साथ हर कार्यक्रम और हर कार्यक्रम में नजर आए थे. लेकिन, कुछ दिनों से सीएम नीतीश कुमार के साथ कम देखा जा रहा है। कई दिनों के बाद अचानक एक-दो दिन पहले देखने को मिलते हैं। अब नीतीश कुमार की प्रगतिशील यात्रा में लगातार दो-तीन अधिकारी नजर आ रहे हैं. जिसके बारे में कहा जाता है कि वह साफ छवि के हैं। युवा के आरोप के बाद दो-तीन अधिकारी 15-16 दिन में नीतीश कुमार के साथ ही कम नजर आए। जबकि, पहले अधिकारी नीतीश कुमार के साथ लगभग हर कार्यक्रम में साथ रहते थे।
युवा यादव ने क्यों उठाया डीके टैक्स वाला?
तेजतर्रार यादव मीडिया में एक बार नहीं कई बार बोल दिए गए हैं कि बिहार में नीतीश कुमार नहीं बल्कि ‘डाइक बॉस’ चल रहे हैं। बुजुर्ग यादव ने यहां तक कहा कि इसका सबूत भी जल्द मिलेगा. गुरुवार को भी नीति आयोग की रिपोर्ट में पेकिंग तेज यादव ने एक बार फिर से डेके बॉस का जिक्र किया। युवा यादव ने इस मुद्दे पर कहा कि बिहार का हर थाना और हर ब्लॉक के मामले में गंगोत्री बन गया है। तीसरे पर कोई भी रिकॉर्ड आगे नहीं कहा गया कि ‘डी बॉस’ ही असली सीएम हैं। डीके बिहार बॉस में कैसे चाहने वाले कर रहे हैं और डीके टैक्स को लेकर जल्द ही खुलासा करेंगे।

क्या तेजस्वी यादव के आरोप के बाद सीएम के अगल-बगल आवास वाले अधिकारी बदले गए?
ये सारे रह रहे हैं नीतीश के चहेते उपाध्यक्ष अधिकारी
प्रशिक्षु हैं नीतीश कुमार ब्यूरोक्रेसी में पसंदीदा नेताओं में से एक हैं। तेजतर्रार यादव ने साल 2020 में सीएम पर आरोप लगाया था कि उनके कार्यालय में कुछ सहायक अधिकारी ने चुनाव के दिन हरवाने का काम किया। बुजुर्ग यादव की शायद वही डर आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में नजर आ रहे हैं। इसलिए तेजस्वी यादव ने राज्य में डीके बॉस और डीके टैक्स वाला की तलाश शुरू कर दी।
अगर नीतीश कुमार के करोड़पति इलेक्ट्रिक अधिकारी की बात करें तो वह समय-समय पर बात कर रहे हैं। अन्य में आरसीपी सिंह, व्यासजी, आमिर सिंह, आमिर सुबह और अंजनी सिंह चाहते अधिकारी हुए थे। लेकिन, अंतिम दौर में तीर्थयात्री मठ के अधिकारी दीपक कुमार, प्रत्यय अमृत, चंचल कुमार, संजीव हंस, कुमार रवि, चैतन्य प्रसाद, आनंद किशोर, अनुपम कुमार और एस सिद्धार्थ जैसे अधिकारी मठ के अगल-बगल में देखने को मिलते हैं।
17 जनवरी, 2025, 14:51 IST