
बिजनेस नहीं बनी पर कमाई में पति ने छोड़ा पीछे, नीतीश की ‘प्रगति यात्रा’ की शान गेस्ट हिना से आप भी मिलीं
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बेगुसराय समाचार : खोदावंदपुर जीविका सदस्या मीरा देवी ने बताया कि मैं पढ़ाई के साथ-साथ विद्यार्थी बनने का भी प्रयास कर रही हूं। लेकिन जब नौकरी नहीं हुई तो मन में प्रोविजनल ब्यूटी फ्लोर की शुरुआत की। इसके बाद यूको आर्सेटी से प्रशिक्षण प्राप्त कर…और पढ़ें
वैट: बिहार में इन दिनों विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर राज्य की यात्रा पर निकले हैं, जहां उन्होंने ‘प्रगति’ यात्रा का नाम दिया है. इस यात्रा के दौरान हर जिले में कुछ ना कुछ खास अतिथि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर उस जिले की प्रगति की शान की गाथा सुनाकर मुख्यमंत्री को खुश करते हैं। इसी यात्रा के क्रम में बिहार के फ़्लोरिडा जिलों में 18 जनवरी को फ़्लोरिडा की प्रगति खोज आ रही हैं। सीमांत लेकर प्रशासन ने कुछ चुनिंदा अतिथि जीविका दीदियों की प्रगति को लेकर निर्णय लिया। इसी क्रम में जिले के खोदावंदपुर में भी मुख्यमंत्री से मिलकर बनीं अनीता देवी अपनी प्रगति में जीविका की भूमिका लेकर शामिल होंगी। लोक 18 ने तय किया कि इसका चयन क्यों हुआ, इसके बारे में आप भी देखें रिपोर्ट…
अफ़सोर बनने में लगी तो खोल दी ब्यूटी पार्लर
खोदावंदपुर जीविका की सदस्या रोहनी देवी ने बताया कि मैं उपकरण बनाने के लिए पढ़ाई के साथ प्रयास भी कर रही हूं। लेकिन जब नौकरी नहीं हुई तो मन में प्रोविजनल ब्यूटी फ्लोर की शुरुआत की। इसके बाद युको आर्सेटी से प्रशिक्षण प्राप्त कर ब्यूटी फ्लोर की शुरुआत की। बेस्ट ने बताया कि साल 2016 से 2020 तक घर पर ही ब्यूटी स्टूडियो चल रहा था। फिर से खोदावंदपुर जीविका में शामिल होने के बाद प्रोजेक्ट प्रोजेक्ट मैनेजर मनोज कर्ण ने उपयोगी मदद की। जीविका से 5 लाख रुपये की सहायता राशि मिली। फिर अपने ब्यूटी पार्लर को बड़ा आकार दिया। इसके साथ ही ट्रेनिंग सेंटर भी खोला गया तो हमारे द्वारा बेहतर मेरे द्वारा सिखाए गए छात्र काम कर अपनी पहचान बना रहे हैं।
शान शौकत की यात्रा की प्रगति यात्रा
अनामिका ने बताया कि एक महीने में दो हजार से ज्यादा का खर्चा हो जाता है। इनमें से यहां ग्राहकों की भीड़ हमेशा रहती है। इसका फ़ायदा भी ऑनलाइन ट्रेनिंग दे रही है जिसमें छात्रों को मेकअप सीखने में शामिल करने के लिए छात्रों से उठाव की पेशकश की जाती है। 4 साल में 100 से ज्यादा लड़कियों की ट्रेनिंग का विवरण दिया गया है। सभी आत्मनिर्भर बन गये हैं. कमाई के बारे में बात करें तो बताया गया कि 6 महीने की ट्रेनिंग के लिए 20000 फीस ली जाती है। जबकि प्रतिदिन की संख्या 20000 से भी अधिक होती है। औसत ने बताया कि लागत काफी कम है ऐसे में सेल के 80 प्रतिशत तक की कमाई हो जाती है। अपनी इस सफलता की कहानी सुनने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा शान के रूप में शामिल है। इन सफलता की कहानी लोक 18 के माध्यम से आप तक की जीवनी में जीविका एमआईएस अनामिका ने मदद की।
बेगुसराय,बिहार
14 जनवरी, 2025, 13:12 IST