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जिस नौकरी का सपना देखते हैं लोग, किसी का 18 में, किसी का 5 साल में उब गया मन

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आईपीएस अधिकारी की कहानी, यूपीएससी सफलता की कहानी: काफी पढ़ाई के बाद यूपीएससी परीक्षा पास करने वाले कई अधिकारियों ने एक-एक करके इस्तिफा दे दिया। इनदिनों बिहार के एक अपराधी का इस्तिफा विचार हुआ है।

जिस नौकरी का सपना देखते हैं लोग, किसी का 18 में, किसी का 5 साल में उब गया मन

आईपीएस अधिकारी, आईपीएस शिवदीप लांडे: किस अधिकारी ने दिया इस्तिफा।

आईपीएस अधिकारी की कहानी, यूपीएससी की सफलता की कहानी: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा को कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। इस परीक्षा में काफी मेहनत के बाद सफलता मिली है। इस परीक्षा में सफल लोगों का सेलेक्शन होना (आईएएस) और आईपीएस (आईपीएस) जैसे पदों के लिए होता है, लेकिन वर्षों तक पुलिस की सामान्य सरकारी नौकरी करने वाले कई सरकारी अधिकारियों का इस नौकरी से मोहभंग हो गया और वे नौकरी से मोहभंग हो गए। नौकरी से छुट्टी दे दी. इन तीन अधिकारियों का बिहार से संबंध है। आइए आपको इन तीन अधिकारियों की कहानियां कहते हैं…

आईपीएस शिवदीप लांडे की कहानी, आईपीएस जीवनी: सबसे पहली बात शिवदीप लांडे की. 29 अगस्त 1976 को महाराष्ट्र के अकोला जिले के विदर्भ में जन्मे शिवदीप ने अपराधी के पद से छुट्टी दे दी। वह बिहार के पूर्णिया रेंज के आईजी थे। बाद में उनकी पोस्टिंग पटना में आईजी ट्रेनिंग के पद पर की गई। आज राष्ट्रपति ने अपना आज़ाद विचार रखा है। इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना भी जारी की है, जिसके बाद वह चर्चा में हैं। शिवदीप वामनराव लांडे एक खेतिहर परिवार से आये हैं। उनकी प्रारंभिक पढ़ाई महाराष्ट्र के अकोला के ही सरस्वती विद्या मंदिर से हुई। इसके बाद उन्होंने श्री संत गजानन महाराज कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद वह सिविल ऑडिट की तैयारी में निकल गया। शिवदीप लांडे ने वर्ष 2005 में यूपी यूएससी परीक्षा पास की थी और एक साल की ट्रेनिंग के बाद वह बिहार कैडर के अनुयायी बने थे।

आईपीएस काम्या मिश्रा, आईपीएस जीवनी: काम्या मिश्रा ने भी दी थी छुट्टी
शिवदीप से पहले बिहार कैडर के एक और अनुयायी काम्या मिश्रा ने भी छुट्टी ले ली थी, जिसके बाद वह भी कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल हो गए। काम्या मिश्रा वर्ष 2019 बैचलर ऑफ ऑफिशियल्स यूपीएससी परीक्षा में उनकी बिक्री हिमाचल प्रदेश कैडर के लिए हुई थी। बाद में साल 2021 में वे अपना गोदाम बिहार कैडर में ले गये थे. जब उन्होंने तब छोड़ा तो वह एस्टैटिकल ग्रूवल्स के स्पी के पद पर थे। वह 22 साल की उम्र में सुपरहीरो बन गईं। सिविल एग्जाम में उनकी 172वीं रैंक थी। काम्या मिश्रा ने कुल 5 साल तक पुलिस में नौकरी की। उन्होंने निजी तौर पर बंधकों को अगस्त 2024 में छुट्टी दे दी थी। उनके अवकाश पर रहने के निर्णय के कारण गृह विभाग ने उन्हें 180 दिनों की छुट्टी दे दी।

आईपीएस आनंद मिश्रा: ‘आजादी की जिंदगी’ के लिए छोड़ दी थी नौकरी!
साल 2024 में ही बिहार के एक प्रशंसक आनंद मिश्रा ने भी इस्तीफा दे दिया था. तब आनंद मिश्रा ने कहा था कि उन्होंने ‘आजादी की जिंदगी’ के लिए फिल्म की नौकरी छोड़ दी थी, हालांकि बाद में वह बिग बॉस की सीट से चुनाव भी लड़े। मूल रूप से बिहार के मुक्केबाज के रहने वाले साथी आनंद मिश्रा की उम्र 22 साल थी, वर्ष 2011 में यूपी सिविल इंजीनियरिंग परीक्षा पास की थी। उन्हें 225वीं रैंक हासिल हुई थी। उन्हें डेमोक्रेट कैडर द्वारा बनाया गया था.

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