
रीवा के लिए गौरव का छन; ईसा मसीह के कलम ने फिर से रचा इतिहास! दो और शास्त्रज्ञ पुरस्कारों की घोषणा…
आखरी अपडेट:
रीवा समाचार: रीवा के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. वैभव जैन की कृति “सेल्फी लघुकथा” और डॉ. ओम प्रकाश मिश्र की कृति “मेरा परिचय मेरी कविता” को मप्र साहित्य अकादमी द्वारा प्रादेशिक पुरस्कार के लिए अंकित किया गया है। यह विंध्य क्षेत्र के वैज्ञानिक विकास…और पढ़ें

प्रतीक चिन्ह
रीवा. मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी सांस्कृतिक परिषद भोपाल द्वारा रीवा के दो और विद्वानों को उनकी कृतियों के लिए प्रांतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। जिसमें रीवा के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सोनम जैन की कृति सेल्फीकथा लघु एवं डॉ. ओम प्रकाश मिश्र की कृतियों का परिचय मेरी कविता को राज्य वैज्ञानिक पुरस्कार के लिए नामित किया गया है और दो और लेखकों की कृतियों को भी पुरस्कार के लिए अंकित किया गया है।
मप्र साहित्य अकादमी सांस्कृतिक परिषद भोपाल द्वारा रीवा के दो और विद्वानों को उनकी कृतियों के लिए प्रादेशिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सोनम जैन की कृति सेल्फीकथा लघु एवं डॉ. ओम प्रकाश मिश्र की कृति का परिचय मेरी कविता को राज्य प्रतिष्ठा पुरस्कार के लिए दिया गया है। इसके पहले रीवा के दो अन्य साइंटिस्ट, डॉ. चंद्रिका प्रसाद चंद्र और डॉ. विवेक शास्त्र को भी उनके वैज्ञानिक योगदान के लिए इस पुरस्कार के लिए अंकित किया गया था।
चार सिद्धांतों का एक साथ चयन
मप्र साहित्य अकादमी द्वारा हर पुरस्कार में 51 हजार रुपये की राशि प्रदान की जाती है। रीवा के लिए यह गौरव की बात है कि इस वर्ष मप्र साहित्य वार्ता अकादमी के कैलेंडर में चार विद्वानों को एक साथ पुरस्कार के लिए चुना गया है, जो विंध्य क्षेत्र के सैद्धांतिक विकास का प्रतीक है।
दो तरह के पुरस्कार शामिल
यह पुरस्कार दो प्रकार के होते हैं, एक-एक अखिल भारतीय पुरस्कार, जिसमें एक लाख की राशि के साथ रचनाकार की कृतियों को शामिल किया जाता है और दूसरा-देशीय पुरस्कार जिसमें एक लाख की राशि के साथ रचनाकारों की कृतियों को शामिल किया जाता है। एविएशन रचनाकार को अलंकृत किया जाता है।
ये थे नियम:
साहित्य अकादमी के वर्ष 2025 के युवा पुरस्कार के लिए, 35 वर्ष या उससे कम आयु के युवा लेखकों और प्रकाशकों की साखियों को आमंत्रित किया गया है। इन फ़र्ज़ी को 31 अगस्त, 2024 तक जाम किया गया था।
सामान्य जीवन जीते हैं वैज्ञानिक जैन
गरीब का बच्चा होता है बीमार तो बिना किसी से पूछे डॉ. अमीरो जैन के पास जाते हैं क्योंकि उन्हें पता चलता है कि वहां पर फीस कम लीज के साथ सलाह मशविरा शामिल है। डॉ. इंदौर सरकारी सेवा में कभी नहीं गए. एक छोटा बच्चा और करीब 20 साल पहले 20 रुपये का शुल्क पर इलाज शुरू हुआ और आज 100 रुपये का शुल्क पर मोटापे का इलाज कर रहे हैं। उनके सेवा भाव को देखते हुए गरीब उन्हें अपना डॉक्टर मानते हैं। डॉ. जैन डॉक्टरी के साथ-साथ चाकू के लेखन में भी रुचि रखते हैं। व्यवसाय के दौर में भी डॉक्टरी असंतुलन का निर्माण किया जाता है। निजी अस्पताल में रहने के बाद भी वह सामान्य डॉक्टर की जिंदगी जीते हैं। गागा प्लाजा में फ्लोटिंग का शौक नहीं। सौम्य व्यवहार पहचानना है. उनका कहना है कि ‘शिक्षकों की सेवा ही सबसे बड़ा धन है।’ उनका स्नेह ही सबसे बड़ी उपलब्धि है.
रीवा,मध्य प्रदेश
जनवरी 18, 2025, 18:30 IST