
भोपाल समाचार: डीईओ के खिलाफ स्ट्रीट पर उतरेंगे टीचर, 3 साल बाद टूटा सब्र का बांध, जानें वजह
एजेंसी:न्यूज18 मध्य प्रदेश
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भोपाल समाचार: शिक्षक सदन के पास स्थित डीईओ ऑफिस की पुरानी बिल्डिंग को नई बिल्डिंग बनाई जा रही है। इस कारण डीईओ कार्यालय में अस्थायी रूप से शिक्षक सदस्यों को स्थानांतरित कर दिया गया। हालाँकि, 10 करोड़ की लागत से…और पढ़ें

भोपाल में शिक्षक सदन ने बनाया डीइओ कार्यालय
रमाकांत जैन/भोपाल: प्रदेश के दूसरे स्कूल से मध्य प्रदेश की राजधानी में सरकारी काम या प्रशिक्षण के लिए आने वाले लोगों को सामुदायिक सुविधा के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर शिक्षक नियुक्त किया गया। यहां तक कि परमाणु ऊर्जा संयंत्र से ही अंशदान भी लिया गया। मगर फ़्रैंचाइज़ी, ड्रिक्स से लॉर्ड्स के प्रवेश पर रोक है। असल में, तीन साल से इस भवन में जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीआइओ) का कार्यालय संचालित हो रहा है.
जो अंशदान, अन्यत्र से बाहर
जब शिक्षक सदन बनाया गया, तब इसका उद्देश्य प्लाज्मा का नाम मैटर के चार्ज पर शहर में स्टाम की सुविधा देना था। मगर डीओ ऑफिस की वजह से काम से यहां आने वाले प्लांट को अपने खर्च पर ही होटल या अन्य जगह पर रुकना है। शेयरधारकों के लिए उपयोग में आसान नहीं है।
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ना तो नई बिल्डिंग की तैयारी हुई और ना ही…
वैध, टीचर लॉर्ड्स के पास स्थित डीईओ ऑफिस की पुरानी बिल्डिंग में नई बिल्डिंग बनाई जा रही है। इस कारण डीईओ कार्यालय में अस्थायी रूप से शिक्षक सदस्यों को स्थानांतरित कर दिया गया। हालाँकि, 10 करोड़ की लागत से बन रही नई बिल्डिंग की लाइन पिछले साल नवंबर में ख़त्म हो गई थी, लेकिन न तो नई बिल्डिंग तैयार हो पाई और न ही प्लांट को उनके पैसों से बने मकान मालिक का लाभ मिल सका।
रेस्टोरेंट का रिकार्ड सब्र
अब, तीन साल से रेलवे को राजधानी में आने पर अपने खर्च पर होटल या अन्य जगह पर रुकना पड़ रहा है, जिससे उनका सब्र लग गया है। यूनियन ने इस स्थिति के खिलाफ आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि अगर शीघ्र शिक्षक सदनों का सही तरीके से संचालन नहीं हुआ तो वे बड़े आंदोलन के लिए तैयार हैं।
भोपाल,मध्य प्रदेश
21 जनवरी 2025, 18:54 IST