
पता है कि परवेश साहिब सिंह वर्मा कौन है जिसने पूर्व दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को हराया
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के परिणामों में, नई दिल्ली विधानसभा सीट पर बीजेपी नेता प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने आम आदमी पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हरा दिया है. मतगणना के हर दौर में दोनों के बीच बढ़त और पीछे हटने की स्थिति काउन्टिंग के वक्त लगी रही. दोपहर 12 बजे के बाद प्रवेश वर्मा ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बढ़त बनाई और आखिर में जीत दर्ज की. कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित भी इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. प्रवेश वर्मा के अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली विधानसभा सीट पर हराने के बाद उन्हें एक बड़े नेता के रूप में देखा जा रहा है.
जानिए कौन हैं प्रवेश वर्मा, इतने हैं पढ़े लिखे
प्रवेश वर्मा एक प्रमुख दिल्ली राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं. वह पूर्व बीजेपी नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं. उनके चाचा आजाद सिंह ने उत्तर दिल्ली नगर निगम के महापौर के रूप में कार्य किया और 2013 विधानसभा चुनाव में मुंडका सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था.
प्रवेश वर्मा का जन्म 1977 में हुआ था. उन्होंने अपनी पढ़ाई दिल्ली पब्लिक स्कूल, आर.के. पुरम से की और फिर दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोरीमल कॉलेज से आर्ट्स में बैचलर की डिग्री प्राप्त की. इसके बाद, उन्होंने फोर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से एमबीए किया.
साल 2013 में की थी राजनीति में एंट्री
उनकी राजनीति में एंट्री 2013 में हुई, जब उन्होंने दिल्ली विधानसभा में महरौली सीट से जीत हासिल की. इसके बाद, 2014 में उन्होंने पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट से जीत दर्ज की, और 2019 में उन्हें फिर से चुनाव जीतने का मौका मिला, जिसमें उन्होंने 5.78 लाख वोटों से जीत हासिल की.
अपने सांसद के रूप में कार्यकाल के दौरान, वह संसद की वेतन और भत्तों से संबंधित संयुक्त समिति के सदस्य रहे और शहरी विकास पर स्थायी समिति में भी कार्य किया.
केजरीवाल और AAP के पीछे छेड़ा था अभियान
2025 दिल्ली चुनाव से पहले, प्रवेश वर्मा ने “केजरीवाल को हटाओ, देश को बचाओ” नामक एक अभियान शुरू किया था. इस अभियान के तहत, उन्होंने वर्तमान आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार की आलोचना की थी. उनका कहना था कि सरकार ने अपनी प्राइमरी कमिटमेंट को पूरा नहीं किया. उन्होंने विशेष रूप से दिल्ली सरकार के प्रशासनिक प्रदर्शन को लेकर सवाल उठाए, जिसमें प्रदूषण, महिलाओं की सुरक्षा और नागरिक बुनियादी ढांचे के विकास जैसे मुद्दे शामिल थे. उन्होंने यमुनाजी को स्वच्छ करने के सरकार के वादे को भी नाकामयाब बताया, जो शहर के लिए एक बड़ा पर्यावरणीय चुनौती है.
प्रवेश वर्मा की इस आलोचना और उनके अभियान को दिल्ली के मतदाताओं ने काफी समर्थन दिया है. अब, चुनाव के परिणामों से यह स्पष्ट होगा गया है कि उनका अभियान सफल हो गया है.
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