
रियायती-सरिए पर भी हलाला शर्त…सुप्रीम कोर्ट में तुषार मेहता ने कहा ऐसा? जमीयत बोलीं-वक़्त दे दो सर
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सुप्रीम कोर्ट समाचार: जमीयत उलेमा ए हिंद की तरफ से यूपी सरकार के फैसले के खिलाफ यह याचिका दायर की गई थी। यूपी सरकार के खिलाफ हलाला लाइसेंस पर रोक लगाई गई। इसपर सॉलिसिटर जर्नल तुषार मेहता की तरफ से जवाब दिया गया….और पढ़ें

उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है। (फाइल फोटो)
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में हलाल सार्ट फाईफकेशन के साथ-साथ फूड इंडस्ट्रीज के निर्माण, सेल और स्टोरेज और डिस्ट्रीब्यूशन पर रोक के लिए अधिसूचना जारी करने वाली कंपनी को प्लास्टिक के सामान बेचने के लिए कहा। यह आवेदन जमीयत उलेमा ए हिंद की तरफ से दिए गए हैं। इसपर केंद्र सरकार के सॉलिसिटर जनरल आशुतोष मैथ्यू ने कहा कि यह हैरान करने वाला है कि यहां सरिया, आटा, बेसन तक पानी की बोतल सब हलाल सर्टी का इस्तेमाल किया जाता है। इस सर्ट को लाखों करोड़ों में जोड़ा गया है।
जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने सुनवाई के दौरान तुषार मेहता ने मांस पर आधारित अन्य परीक्षाओं के अलावा अन्य प्रतियोगिताओं को लेकर मजबूत मंच बनाया। स्कॉच ने कहा कि जहां तक हल्ला मीट का सवाल है, किसी को कोई मौत नहीं हो सकती लेकिन हो सकता है कि आप यह जानकर चौंक जाएं, जैसे कि मैं कल हैरान रह गया था। यहां तक कि इस्तेमाल किए जाने वाले लोहे की छड़ें को भी हलाल-सर्टिफाइड किया गया है। हमें जो पानी की बोतलें हैं, उन्हें हलाल-सर्ती पर चढ़ाया गया है।
जमीयत ने वक़त मांगी
जमीयत उलेमा ए हिंद की ओर से पेशकार वकील ने कहा कि अगर बेकार चीजों का इस्तेमाल होता है तो इस पर हलाल सर्ट की जरूरत होती है। इसके तुरंत बाद जमीयत की ओर से वकील ने अदालत से कहा कि केंद्र सरकार द्वारा दिए गए जवाब पर अपना जवाब देना चाहते हैं। जिसके बाद केंद्र के जवाब पर अपना पक्ष रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जमीयत को 1 मार्च तक का वज्र दिया है। यूपी सरकार ने हलाल सार्टी ऑपरेशंस पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके तहत प्रॉडक्ट की मैन्युफैक्चरिंग, सेल और स्टोरेज पर रोक लगा दी गई थी जो हलाल सर्टी का प्रमुख है। पिछली सुनवाई के दौरान ही जस्टिस बी आर गवई की पीठ ने जमीयत प्रमुख महमूद मदानी और अन्य दोषियों के खिलाफ किसी भी दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी थी।
20 जनवरी, 2025, 14:12 IST