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कृषि में कैरियर बनाना चाहते हैं यह विश्वविद्यालय सबसे अच्छा अवसर प्रदान करता है पता है कि प्रवेश कैसे प्राप्त करें

जिस यूनिवर्सिटी में एक समय में जातिगत समीकरण हावी था वहां आज बिहार के किसानों के लिए पूसा स्थित डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि यूनिवर्सिटी आशा की एक नई किरण बनकर उभरा है. इस संस्थान की स्थापना 1970 में राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के रूप में हुई थी, और 2016 में इसे केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त हुआ. यह विश्वविद्यालय न केवल बिहार, बल्कि देशभर के छात्रों और किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण शैक्षिक और अनुसंधान केंद्र बन चुका है.

इस यूनिवर्सिटी में ये है एंट्रेंस प्रोसेस

विश्वविद्यालय में प्रवेश की प्रक्रिया पारदर्शी और व्यवस्थित है. स्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा आयोजित एनईईटी परीक्षा का आयोजन किया जाता है. जबकि स्नातकोत्तर और पीएचडी के लिए विश्वविद्यालय अपनी खुद की प्रवेश परीक्षा आयोजित करता है, जिससे छात्रों का चयन होता है. इस प्रक्रिया के कारण छात्रों को फेयर और ट्रांसपेरेंट तरीके से मौका मिलता है.

इन कोर्स की होती है पढ़ाई, ये है फीस

वर्तमान में विश्वविद्यालय कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट स्तर की पढ़ाई प्रदान करता है. बीएससी कृषि की वार्षिक फीस लगभग 35,000 रुपये है, जबकि एमएससी की फीस 45,000 रुपये तक होती है. इसके अलावा, एमबीए (रूरल मैनेजमेंट, एग्री- बिजनेस) के लिए फीस 42,000 रुपये, बी.टेक (बायोटेक्नोलॉजी) के लिए 30,000 रुपये और पीएचडी प्रोग्राम के लिए फीस 43,000 रुपये निर्धारित की गई है. इन पाठ्यक्रमों के माध्यम से छात्रों को उच्च स्तरीय शिक्षा और प्रशिक्षण मिलता है, जो उन्हें अपने क्षेत्र में विशेषज्ञ बनने में मदद करता है.

कई वैज्ञानिक पास हुए हैं इस यूनिवर्सिटी से

विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त करने वाले कई छात्र आज देशभर के प्रतिष्ठित संस्थानों में कार्यरत हैं. उदाहरण के लिए, डॉ. अरुण कुमार, जो वर्तमान में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) में वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं, इसी विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हैं. इसी तरह, डॉ. रीता सिंह, जिन्होंने फसल सुधार के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है, भी इस विश्वविद्यालय की छात्रा रही हैं. इस प्रकार, विश्वविद्यालय के छात्रों का योगदान कृषि और संबंधित क्षेत्रों में महत्वपूर्ण रहा है.

रिसर्च और इनोवेशन पर ज्यादा जोर

पिछले कुछ सालों में, विश्वविद्यालय ने कई नए और उभरते हुए पाठ्यक्रमों की शुरुआत की है, जैसे कृषि व्यवसाय प्रबंधन और खाद्य प्रौद्योगिकी, जो कृषि क्षेत्र में इनोवेशन और उन्नति को बढ़ावा दे रहे हैं. विश्वविद्यालय का मुख्य उद्देश्य बिहार के किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों से अवगत कराना और राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना है. इसके लिए विश्वविद्यालय कृषि संबंधित रिसर्च और इनोवेशन पर जोर दे रहा है, ताकि राज्य में कृषि क्षेत्र का सुधार और विकास हो सके.

यहां जाने कहां से ले सकेंगे आवेदन के लिए अपडेट

इस विश्वविद्यालय में प्रवेश और फीस संबंधी लेटेस्ट अपडेट के लिए छात्र विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट www.rpcau.ac.in पर जा सकते हैं. यह विश्वविद्यालय बिहार के कृषि क्षेत्र में सुधार और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बनकर उभरा है और आने वाले समय में यहां से निकलने वाले वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों का योगदान कृषि और संबंधित क्षेत्रों में निश्चित रूप से महत्वपूर्ण रहेगा.

https://www.youtube.com/watch?v=xFQH4MIDQRW

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