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श्रीलंका शिक्षा में संयुक्त राज्य अमेरिका को एक छोटी राष्ट्र बड़ी उपलब्धि से पार करता है

बच्चों की पढ़ाई के मामले में श्रीलंका ने अमेरिका से बेहतर प्रदर्शन किया है. यह सुनकर थोड़ा अजीब लगता है, क्योंकि अमेरिका तो बहुत बड़ा और अमीर देश है, लेकिन श्रीलंका ने दिखा दिया कि सही मेहनत और सही सोच हो, तो छोटा देश भी बड़े देशों से आगे निकल सकता है. यह खुलासा हाल ही में आई एक रिपोर्ट में हुआ है जिसमें बताया गया है कि श्रीलंका को 0.7 नंबर ज्यादा मिले हैं, जो दिखाता है कि पढ़ाई के मामले में श्रीलंका ने छोटा-सा अंतर होने के बावजूद अमेरिका को हरा दिया.

श्रीलंका में हैं करीब 31 हज़ार स्कूल

श्रीलंका की पढ़ाई की व्यवस्था को इतना अच्छा बनाने के पीछे कई कारण हैं. सबसे बड़ा कारण यह है कि वहां की सरकार ने हर बच्चे को पढ़ाने को सबसे जरूरी काम माना है. गांवों में भी स्कूल बनाए गए हैं और वहां पढ़ाई की अच्छी सुविधाएं दी गई हैं. दूसरी तरफ, अमेरिका में शहर और गांव के स्कूलों में बहुत अंतर है. श्रीलंका में करीब 31 हज़ार स्कूल हैं, जो इतने छोटे देश के लिए बहुत बड़ी बात है.

श्रीलंका में फीस काफी कम, अमेरिका में ज्यादा

श्रीलंका में पढ़ाई तक पहुंच भी बहुत अच्छी है. वहां 98% बच्चे प्राइमरी स्कूल में पढ़ते हैं, और 85% से ज्यादा बच्चे हाई स्कूल तक पढ़ाई करते हैं. इसका मतलब यह है कि वहां गरीब और अमीर सभी बच्चों को पढ़ने का मौका मिलता है. सरकार ने मुफ्त स्कूल और स्कॉलरशिप की सुविधा दी है, ताकि पैसों की कमी की वजह से कोई बच्चा पढ़ाई से वंचित न रहे. लेकिन अमेरिका में स्कूल की फीस बहुत ज्यादा है और अच्छे स्कूलों में पढ़ाई के लिए पैसा चाहिए, जिसकी वजह से कई बच्चों को अच्छी पढ़ाई नहीं मिल पाती.

समय-समय पर अपडेट होता है सिलेबस

श्रीलंका में पढ़ाई की क्वालिटी भी बहुत अच्छी है. वहां टीचरों को अच्छी ट्रेनिंग दी जाती है, ताकि वे बच्चों को नए और आसान तरीकों से पढ़ा सकें. स्कूलों में बच्चों को किताबों के साथ-साथ प्रैक्टिकल नॉलेज भी दी जाती है, जैसे कि टेक्नोलॉजी और स्किल्स सिखाना. अमेरिका में भी टेक्नोलॉजी पर ध्यान है, लेकिन वहां हर जगह एक जैसी सुविधाएं नहीं मिल पातीं. श्रीलंका में स्कूलों का सिलेबस भी समय के साथ अपडेट किया जाता है, ताकि बच्चे आज के समय की जरूरतों के हिसाब से पढ़ सकें.

स्कूलों में खेल, कला और अच्छे संस्कार सिखाने पर भी ध्यान

श्रीलंका की पढ़ाई की एक खास बात यह है कि वहां बच्चों को सिर्फ किताबें रटने को नहीं कहा जाता. स्कूलों में खेल, कला और अच्छे संस्कार सिखाने पर भी ध्यान दिया जाता है. इससे बच्चे सिर्फ पढ़ाई में ही नहीं, बल्कि अपनी पर्सनैलिटी में भी बेहतर बनते हैं. अमेरिका में ज्यादातर पढ़ाई पर ही जोर रहता है, लेकिन श्रीलंका में बच्चों को अच्छा इंसान बनाना भी जरूरी समझा जाता है.

श्रीलंका ने अपनी पढ़ाई में पर्यावरण और अपनी संस्कृति को भी शामिल किया है. बच्चों को अपने आसपास की प्रकृति और अपनी परंपराओं के बारे में सिखाया जाता है, ताकि वे अपनी जड़ों से जुड़े रहें. अमेरिका में पढ़ाई ज्यादा ग्लोबल होती है, लेकिन लोकल चीजों पर उतना ध्यान नहीं दिया जाता. श्रीलंका का यह तरीका बच्चों को जिम्मेदार और समझदार बनाता है.

गांवों में भी इंटरनेट और स्मार्ट क्लासरूम

इसके अलावा, श्रीलंका ने डिजिटल पढ़ाई को भी बढ़ावा दिया है. गांवों में भी इंटरनेट और स्मार्ट क्लासरूम बनाए गए हैं. कोविड-19 के समय में जब स्कूल बंद थे, तब भी वहां ऑनलाइन पढ़ाई अच्छे से चली. अमेरिका में टेक्नोलॉजी तो बहुत है, लेकिन गरीब बच्चों को उसका फायदा नहीं मिल पाता.

https://www.youtube.com/watch?v=xFQH4MIDQRW

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