कोलकाता में आज TMC की शहीद दिवस रैली: ममता बनर्जी के साथ मंच पर पहली बार अखिलेश यादव भी मौजूद रहेंगे
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42 मिनट पहले
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21 जुलाई 1993 को ममता बनर्जी के नेतृत्व में राइटर्स अभियान के दौरान 13 लोगों की जान चली गई थी। तब से हर साल ममता शहीद दिवस मनाती हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रविवार को कोलकाता के एस्प्लेनेड में शहीद दिवस रैली कर रही हैं। रैली को ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेताओं के अलावा समाजवादी पार्टी (SP) के मुखिया अखिलेश यादव भी संबोधित करेंगे।
पश्चिम बंगाल में लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव में एकतरफा जीत के बाद TMC की यह पहली बड़ी रैली है। इसमें लाखों कार्यकर्ताओं के शामिल होने की संभावना है। ममता हर साल शहीद दिवस रैली के मंच से पार्टी की रणनीति की घोषणा करती हैं।
TMC के एक वरिष्ठ नेता ने कहा- 21 जुलाई की शहीद दिवस रैली हमारे दिलों में खास जगह रखती है। हम इस दिन को अपने शहीदों को समर्पित करते हैं। जैसा कि हमारी पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कहा है, इस साल हम इस रैली को लोकसभा चुनावों में अपनी जीत को समर्पित करेंगे।
रैली में शामिल होने के लिए टीएमसी कार्यकर्ता सुबह से पहुंचे हुए हैं।
रैली कांग्रेस कार्यकर्ताओं की याद में होती है
ममता बनर्जी के नेतृत्व में 21 जुलाई, 1993 को कोलकाता में फोटो युक्त मतदाता पहचान पत्र की मांग को लेकर प्रदर्शन हुआ था। उस दौरान पुलिस फायरिंग में कांग्रेस के 13 कार्यकर्ताओं की मौत हो गई थी। उन्हीं की याद में ममता हर साल 21 जुलाई को शहीद दिवस के रूप में मनाती हैं। ममता उस समय कांग्रेस की यूथ विंग की प्रेसिडेंट थीं और बंगाल में सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाली वाम मोर्चा का शासन था।
रैली में अखिलेश के शामिल होने के मायने
ममता बनर्जी और अखिलेश यादव का एक मंच पर आना बड़ी बात है। दोनों एक मंच पर आकर INDIA गठबंधन की एकजुटता दिखाएंगे। अखिलेश के साथ ममता के अच्छे संबंध हैं। अखिलेश ने उत्तर प्रदेश में भदोही लोकसभा सीट TMC के लिए छोड़ी थी। हालांकि पार्टी यहां हार गई।
ममता ने पिछले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अखिलेश के लिए प्रचार किया था। सूत्रों के मुताबिक अखिलेश ने खुद ममता को फोन करके शहीद दिवस रैली में शामिल होने की इच्छा जताई थी। अखिलेश मंच से INDIA गठबंधन के लिए कोई बड़ा संदेश जारी कर सकते हैं।
कांग्रेस और ममता को पास लाने की कवायद
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और TMC के बीच सीट बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बनी थी। इसके बाद दोनों पार्टियों ने एक दूसरे के खिलाफ अपने प्रत्याशी उतारे थे। कांग्रेस ने वामदलों के साथ गठबंधन किया था। हालांकि इससे कांग्रेस को नुकसान हुआ और TMC ज्यादा फायदे में रही।
ममता बनर्जी ने कहा था कि वे राज्य में कांग्रेस से कोई गठबंधन नहीं रखेंगी, लेकिन केंद्र में वो INDIA गठबंधन के साथ रहेंगी। ममता का मैसेज साफ था कि वे लोकसभा के बाद 2026 विधानसभा चुनाव में भी किसी पार्टी के साथ सीट शेयर करने के मूड में नहीं हैं।
सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश चाहते हैं कि INDIA गठबंधन की मजबूती के लिए ममता बनर्जी और कांग्रेस के बीच की दूरी खत्म हो। इससे पश्चिम बंगाल में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में INDIA गठबंधन मजबूत होगी।
बंगाल में ममता, यूपी में अखिलेश मजबूत
2024 लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में TMC ने अकेले 29 सीटें जीतीं। 2019 में पार्टी को 22 सीटें मिलीं थीं। वहीं भाजपा 19 से 12 सीटों पर पहुंच गई। 2 सीट जीतने वाली कांग्रेस इस बार एक सीट पर सिमट गई।
वहीं, उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से भाजपा और उसकी सहयोगियों को 36 सीटें मिली हैं। वहीं, इंडिया गठबंधन को 43 सीटें मिली हैं। नगीना लोकसभा सीट आजाद समाज पार्टी के चीफ चंद्रशेखर आजाद के खाते में गई है।
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