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केदारनाथ पैदल मार्ग पर 3 तीर्थयात्रियों की मौत: गौरीकुंड के पास पहाड़ से पत्थर गिरने से हादसा, 8 लोग घायल

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रूद्रप्रयाग15 मिनट पहले

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गौरीकुंड के पास हुए हादसे में 3 यात्रियों की मौत हो गई है। - Dainik Bhaskar

गौरीकुंड के पास हुए हादसे में 3 यात्रियों की मौत हो गई है।

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर पत्थर गिरने से तीन तीर्थयात्रियों की मौत हो गई है। इस हादसे में 8 लोग घायल हुए हैं। यात्री गौरीकुंड से 3 किलोमीटर दूर चिड़वासा में बने पैदल मार्ग से केदारनाथ धाम की तरफ जा रहे थे, जब वे सुबह करीब 7:30 बजे पत्थरों की चपेट में आ गए।

हादसे की जानकारी रुद्रप्रयाग डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर मैनेजमेंट के नंदन सिंह रजवार ने दी है। रजवार ने बताया कि मरने वालों में महाराष्ट्र के नागपुर से किशोर अरुण परते, जालना के सुनील महादेव काले और रुद्रप्रयाग के अनुराग बिष्ट शामिल हैं।

SDRF की टीमों ने हादसे के बाद मलबे से 8 लोगों का रेस्क्यू किया। ये सभी घायल थे, इन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।

पहाड़ से गिरे चट्‌टानों के टुकड़े, NDRF की टीमें लोगों के बचाव और रास्ता साफ करने में जुट गई हैं।

पहाड़ से गिरे चट्‌टानों के टुकड़े, NDRF की टीमें लोगों के बचाव और रास्ता साफ करने में जुट गई हैं।

केदारनाथ जाने वाले रास्ते में चीरवासा के पास हादसे के बाद रास्ते पर पत्थर पड़े हुए हैं। रेलिंग का हिस्सा भी टूट गया है।

केदारनाथ जाने वाले रास्ते में चीरवासा के पास हादसे के बाद रास्ते पर पत्थर पड़े हुए हैं। रेलिंग का हिस्सा भी टूट गया है।

उत्तराखंड में भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने भी उत्तराखंड में अगले 48 घंटों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। कुमाऊं क्षेत्र के लिए रेड अलर्ट और गढ़वाल क्षेत्र के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। 21 जुलाई को चंपावत, नैनीताल व उधमसिंह नगर में रेड अलर्ट जारी किया है। जबकि पौड़ी, पिथौरागढ़, बागेश्वर और अल्मोड़ा में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा देहरादून समेत प्रदेश के बाकी जनपदों में भारी बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है।

10 मई से शुरू हुई है चार धाम यात्रा
केदारनाथ मंदिर चार धाम यात्रा का हिस्सा है, जो इस साल 10 मई को शुरू हुई थी। चार धाम यात्रा, जिसके दौरान भक्त गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ भी जाते हैं, हिंदू धर्म में बड़ा महत्व रखती है और यह यात्रा आमतौर पर अप्रैल-मई से अक्टूबर-नवंबर तक होती है। ऐसा माना जाता है कि चार धाम यात्रा को घड़ी की सुई की दिशा में पूरा करना चाहिए। इसलिए, तीर्थयात्रा यमुनोत्री से शुरू होती है, गंगोत्री की ओर बढ़ती है, केदारनाथ पर जाती है और अंत में बद्रीनाथ पर समाप्त होती है।

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चार धाम के नाम पर दूसरे मंदिर-ट्रस्ट नहीं बनेंगे, उत्तराखंड सरकार का फैसला

देश में चार धाम- बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के नाम से दूसरा मंदिर या ट्रस्ट नहीं बनेगा। मंदिरों से मिलता-जुलता नाम रखने पर भी सख्त एक्शन लिया जाएगा। उत्तराखंड के CM पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में 18 जुलाई को हुई कैबिनेट मीटिंग में इस पर कानून बनाने का फैसला किया गया है।

दरअसल, 10 जुलाई को दिल्ली के बुराड़ी में ‘श्री केदारनाथ धाम’ नाम से मंदिर का शिलान्यास हुआ था। इसमें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी शामिल हुए थे। 15 जुलाई को मुंबई में गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद और प्रमुख संतों ने इसका विरोध किया था। पढ़ें पूरी खबर…

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