उत्तर प्रदेश

कुंभ में पहचान पत्र के साथ मित्र लोग… योगी सरकार से साधु-संतों ने की मांग, कहा- ढूंढ ढूंढे गलत करने वाले

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अखिल भारतीय एरिना काउंसिल ने मांग की है कि महाकुंभ में पहचान पत्र के साथ आना जरूरी है।एरिना काउंसिल ने कहा कि साधु-संतों से मिलने वाले लोग भी साधु के साथ हैं।

अंतिमः एक तरफ जहां अरुणाचल प्रदेश यात्रा मार्ग पर सामान के नाम के साथ ऑर्डर की मांग की गई है। महाकुंभ में आने वाले सभी लोगों के लिए एक पहचान पत्र अनिवार्य है। साधु-संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय एरिना काउंसिल ने मांग की है कि महाकुंभ में आने वाले सभी लोगों के पहचान पत्र के साथ आना जरूरी है।

‘कुंभ में शामिल होने वाले लोग पहचान पत्र के साथ होंगे शामिल’
एरिना काउंसिल के ऑर्थोडॉक्स और जूना सामानों के संरक्षक स्वामी हरि गिरि जी महाराज ने यह मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार यह आदेश जारी करे कि 13 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ मेले में सभी अपने-अपने लोग पहचान पत्र साथ रख लें। उनका कहना है कि लोग सिर्फ पत्र पहचानना ही पसंद नहीं करते, बल्कि उसकी प्रति भी सत्यापित कर सकते हैं। महंत हरि गिरि महाराज के कथनानुसार कई बार लोग फर्जी पहचान पत्र भी लेते हैं। आधार कार्ड, वोटर कार्ड या अन्य पहचान पत्र की कीपी को किसी नामांकित व्यक्ति, कर्मचारी, ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव या किसी अन्य से प्रमाणित नामांकन भी ले सकते हैं।

इस बार के महाकुंभ में 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है
उन्होंने कहा कि मेले प्रशासन या फिर जिस भी संत महात्मा या तीर्थ पुरोहितों के यहाँ। उसे पहले से पूरी सूची प्रमाणीकरण पहचान पत्र की प्रति के साथ अंशधारक। ताकि उनके वेर फ्रेंड्स को नुकसान न हो। महंत हरि गिरि ने योगी सरकार और महाकुंभ प्रशासन से महाकुंभ में आने वाले साधकों के लिए ऑनलाइन बुकिंग की भी व्यवस्था करने की मांग की है। एरिन काउंसिल के जवानों ने कहा, ‘इस बार का महाकुंभ का उद्घाटन हुआ है। देश-दुनिया से 40 करोड़ की कमाई की उम्मीद है। ऐसे लोग हैं जो सनातन को लेकर हिंसक हो रहे हैं। आस्था के सबसे बड़े उदाहरण में कोई विकार नहीं पाया जाता और किसी तरह की हिंसा नहीं पाई जाती। इसके लिए महाकुंभ में आने वाले हर किसी के लिए वेरी समाधि अनिवार्यता की जाए।’

जल्दबाज़ी में गलत काम करने वाले
उन्होंने कहा कि इस बारे में जूना बाबाओं ने अपने यहां आने वाले सभी महामंडलेश्वरों, संत-महात्माओं को बताया है कि उनके यहां जो भी दर्शन करते हैं उनके नाम की सूची और पहचान पत्र पहले ही मंगा लें। निरंजनी सहित अन्य अखाड़ों से भी इस बारे में बातचीत की जा रही है। उनका कहना जरूरी है ताकि अगर कोई घटना हो तो गलत करने वालों की पहचान हो जाए। महाकुंभ में एक ही नाम के हजारों लोग आएंगे और सिर्फ नाम से कोई जानकारी नहीं हो सकती। पहचान पत्र के साथ पिता का नाम और पता भी मिल जाएगा और अन्य लोगों को भी कोई दिक्कत नहीं होगी।

सीएम योगी के इस फैसले का किया था समर्थन
दीक्षांत समारोह की व्यवस्था महाकुंभ में कर्तव्य करने वाले कर्मचारियों, संत महात्माओ, कल्पवासियों और आम अनुयायियों को भी होनी चाहिए। उनका कहना है कि सीएम योगी आदित्यनाथ के नाम पर भी लोगों ने फर्जी रिजर्वेशन रैक बनाया है। एक मामले में शिकायत कर उन्होंने योगी के नाम की फर्जी जमानत वाले को यूपी के गोंडा से गिरफ्तार कर लिया था। अनिवार्य अप्लाई की व्यवस्था की सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है। एरीना काउंसिल ने इससे पहले कावड़ वाले खांड-पीने के इलाक़े को नेम प्लेट थिए जाने के लिए योगी सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए उन्हें सही सलाह दी थी। हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार के उस फैसले पर अंतरिम रोक लगाने के फैसले पर सरकार से जवाब मांगा है। उन्होंने महाकुंभ के दौरान पहले भी गंगा में पॉलिथीन उतारकर शक्ति से अमल करने की मांग की थी। कहा जाता है कि पॉलिथीन खाने वाली नदियों में रहने वाली मछलियाँ और दूसरे जीव जंतुओं की मृत्यु हो जाती है।

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