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नदी-नालों के किनारे मिलने वाला चमत्कारी पौधा, वात-कफ करे कंट्रोल तो सूजन के लिए ‘रामबाण’, ये है इसकी पहचान – Medicinal nirgundi plant or vitex plant or chaste pant beneficial for arthritis and swelling know uses

अर्पित बड़कुल/दमोह: मप्र का बुंदेलखंड क्षेत्र औषधीय वनस्पतियों से भरा पड़ा है. इतना ही नहीं किसान आर्थिक लाभ के साथ-साथ इसके स्वास्थ्य लाभ के लिए भी इन औषधीय पौधों की खेती की ओर रुख करते हैं. जिनमें से तुलसी, एलोवेरा, अश्वगंधा, ब्राह्मी, सतावर, वच, आर्टेमिसिया, कौंच, कालमेघ और सर्पगंधा शामिल हैं. इन तमाम प्रकार के औषधीय पौधों के नाम तो आपने सुने होंगे और देखे भी होंगे, लेकिन निर्गुण्डी एक ऐसा औषधीय पौधा है, जो नदी नालों के किनारे पर उगता है और शरीर के घाव के अलावा सूजन को कम करने में भी सहायक होता है.

आयुर्वेद के अनुसार ‘निर्गुण्डी शरीरं रक्षति रोगेभ्य तस्माद् निर्गुण्डी’ अर्थात जो शरीर को रोगों से बचाए उसे निर्गुण्डी (निर्गुण्डी/ विटेक्स/चैस्ट प्लांट) कहते हैं। एक पेड़ (निर्गुण्डी पौधा) अपने आप उग जाता है। ये झाड़ियाँ नदियों, तालाबों, खेतों जैसे स्थानों पर पाई जाती हैं अर्थात जहाँ जल जमाव होता है।

निर्गुण्डी की 2 प्रजातियां
इसके पत्तों को मसलने पर उनमें से एक विशिष्ट प्रकार की दुर्गंध आती है. यह बूटी वात व्याधियों (arthritis) के लिए एक प्रसिद्ध औषधि है. यह समस्त भारत में 1500 मी की ऊंचाई पर और हिमालय के बाहरी इलाकों में पाई जाती है. इसकी सफेद, नीले और काले रंग के अलग-अलग फूलों वाली कई जातियां होती हैं. लेकिन, नीला और सफेद, इसके दो मुख्य भेद हैं.

इन बीमारियों में लाभकारी
पत्तों के आधार पर निर्गुण्डी की दो प्रजातियां मानी जाती हैं. Vitex negundo Linn. में पांच पत्ते या तीन पत्ते भी पाए जाते हैं. लेकिन Vitex trifolia Linn. नामक निर्गुण्डी की प्रजाति में केवल तीन पत्ते ही पाए जाते हैं. निर्गुण्डी एक बहुत ही गुणी औषधि है, जो कफ, वात को नष्ट करता है और दर्द को कम करता है.  इसको त्वचा के ऊपर लेप के रूप में लगाने से सूजन कम होता है. घाव को भरना और कम समय मे उसे ठीक करने में निर्गुण्डी काफी फायदेमंद है. यह बैक्टीरिया और कीड़ों को नष्ट करता है.

4 से 5 फिट ऊंचा होता है ये पौधा
आयुष विभाग के डॉ ब्रजेश कुपारिया ने बताया ये बहुत ही महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है जो नदी, नाले, खेत खलिहान और तालाब, जहां पानी की अधिकता होती है, उन जगहों के किनारों पर पाया जाता है. यह पौधा 4 से 5 फिट ऊंचा होता है. एंट्री ऑक्सीजन के अलावा वात रोगों के दर्द को कम करने के लिए यह औषधीए पौधा काफी गुणकारी है.

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