उत्तर प्रदेश

एक्शन में सीएम योगी ने काम में उथल-पुथल मचाने वाले 5 उपकरणों को तगड़ा झटका दिया

उत्तर प्रदेश समाचार: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर काम की खुद ही समीक्षा कर रहे हैं। ज़रा-सी बाज़ार में कि ऑफिसर्स के ख़िलाफ़ तुरंत एक्शन लिया जाता है। ताज़ा मामले में मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेश के 5 अतिरिक्त नामांकन-प्रतिनिधियों से फाइनल रिपोर्ट की छूट दी है और 3 उप-मुख्यमंत्री-अनुमोदन से जवाब-तलब किया है।

आरोप है कि इन अधिकारियों ने आपदा से हुई जनहानी और कमजोरी के नुकसान का स्टॉक स्टॉक में रखा है। इनके अलावा मुख्यमंत्री योगी ने कानपुर देहात में उद्योग जगत के आपदा विशेषज्ञ को निलंबित कर दिया है।

जानकारी के अनुसार, बांदा, चित्रकूट, सिद्धार्थनगर, सुल्तानपुर और मुजफ्फनगर के उद्यमों से प्रतिस्पर्धा के लिए अंतिम रिपोर्ट जारी की गई है। इनमें से एक संतोष संतोष सिंह, रमेश चंद्र कॉर्पोरेशन, उमा शंकर, एस. सुधाकरन और गजेन्द्र कुमार को प्रतिवादी बनाया गया है।

सिद्धार्थनगर की सदर तहसील के मठाधीश ललित कुमार मिश्रा, शादाबाद की सदर तहसील के मठाधीश संजय कुमार सिंह और अतरौली किला के मठाधीश अनिल कुमार कटियार से स्पष्टिकरण की मांग की गई है। बाढ़ एसोसिएटेड वर्क में कानपुर के आपदा विशेषज्ञ अश्विनी कुमार को निलंबित कर दिया गया है।

15 दिन में कॉमिक्स की समीक्षा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शासन की समाप्ति और जनकल्याणकारी घोषणा को समय से और तरीके से लागू करने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि डेवलपमेंट कोऑर्डिनरी के नियमित रूप से पर्यवेक्षक की जाए और वरिष्ठ अधिकारी हर 15 दिन में कोऑर्डिनरी की समीक्षा करें।

एनाबाथ ने विकास उद्यमों को लेकर मंडलीय समीक्षा बैठक में भाग लिया। इसके साथ ही मंडल के धार्मिक अनुष्ठान- मंडल, बलिया और मथुरा की कानून-व्यवस्था के भी अधिकारियों से जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास डेवलपर्स के नियमित रूप से पर्यवेक्षण की जाए और हर परियोजना के लिए एक अलग निवेशक अधिकारी नियुक्त किया जाए, जो हर सप्ताह प्रगति की रिपोर्ट दे और वरिष्ठ अधिकारी हर 15 दिन में डेवलपर्स की समीक्षा करें।

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