ऑफिस में हर चीज का खुलासा, सीबीआई की नजर में पिरोए मोती की तरह निकली पोल, गजब का करते थे खेल-सीबीआई रेड दिल्ली गुरुग्राम नोएडा 7 लोकेशन अरेस्ट 43 कॉल सेंटर वर्कर कर रहा खतरनाक काम ताजा अपडेट
नई दिल्ली. साइबर फ्रॉड कंपनी का नाम झारखंड के जामताड़ा है। सच तो यह है कि साइबर फ्रॉड का जाल अब पूरे देश में चुकाया जा चुका है। मुस्लिम अनुयायियों से लेकर देश के संबंध बड़े-छोटे शहरों में साइबर फ्रॉड का बांड सक्रिय हो गया है। सरकार साइबर सबचने के लिए लगातार जागरुकता अभियान चला रही है, ताकि आम लोग इन जाल में फंसे से बाहर जा सकें। दूसरी तरफ, साइबर अपराधी अलग-अलग तरह के हथकंडे अपना कर देश के साथ ही विदेशी लोगों को धोखा दे रहे हैं। सीबीआई ने फुल-एनसीआर में सक्रिय ऐसे ही एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। चकाचौंध में बैठे कर ये अपराधी विदेशी नागरिकों को अपना बना रहे थे झटका. इस मामले में अभी तक 43 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
जानकारी के मुताबिक, सीबीआई ने गुड़गांव में एक कॉलसेंटर का भंडाफोड़ करते हुए 43 संदिग्ध साइबर इंजीनियरों को गिरफ्तार किया है। ये कथित तौर पर कथित तौर पर विदेशी नागरिकों पर उनके कंप्यूटरों के तकनीशियनों के टेक्निकल सॉल्यूशन का बंधक सामान ठगते थे। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि इस मामले में बड़ी कार्रवाई की गयी है. उन्होंने बताया कि श्रीकांत ने गुड़गांव के डीएलएफ साइबर सिटी में इनोसेंट टेक्नोलॉजी (ओपीसी) प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय पर छापा मारा। सीबीआई की टीम ने पाया कि वहां कई विदेशी एजेंट ठगने के इरादे से लाइव कॉल कर रहे हैं।
साइबर क्राइम पर तुंरत दी जानकारी तो नुकसान कम… यह दुरुपयोग नहीं, बैंकिंग पर लालची अपराधी
7 स्थानों पर कुवैत में वफादार मित्र
सीबीआई ने बताया कि दिल्ली, मेट्रोपॉलिटन और गुड़गांव में 7 स्थानों पर छापेमारी की गई। पता चला कि इस नेटवर्क में साइबर आधारित इंटरनेशनल फेनेंशियल क्राइम को अंजाम देने के लिए अलग-अलग सेंटर को-ऑर्डिनेशन के साथ काम किया जा रहा था और इस संबंध में मुख्य रूप से उन्हें गुड़गांव के डीएलएफ साइबर सिटी से संचालित कॉल सेंटर से निर्देश दिए गए थे। . अब तक 43 आरोपियों की गिरफ़्तारी का भुगतान किया जा चुका है।
इंटरपोल और एफबीआई से संपर्क
सीबीआई ने इस संबंध में सुराग हासिल करने और आगे की कार्रवाई के लिए इंटरपोल के माध्यम से एफबीआई और कई देशों के कानून के निर्देशन के लिए संपर्क किया है। सीबीआई ने आरोप लगाया कि लोगों ने अपने सिस्टम (कंप्यूटर) में मैलिसियस (कंप्यूटर) सॉफ्टवेयर को डाउनलोड करने पर रोक लगा दी, जिससे उनके कंप्यूटर बंद हो गए। इसके बाद आपके सिस्टम को सही तरीके से भुगतान करने के लिए कहा गया। इससे पता चला कि अपराध से होने वाली कमाई को कई देशों से हांगकांग तक पहुंचाया गया था।
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पहले प्रकाशित : 26 जुलाई, 2024, 19:52 IST