मध्यप्रदेश

20 दिन में 5 महिलाओं की मौत… शक के मैदान में एमपी का ये जिला अस्पताल, डीएम ने की जांच

दमोह: मध्य प्रदेश के दमोह जिले के एक अस्पताल में करीब 20 दिनों से ग्रामीण क्षेत्र में भर्ती करीब 5 महिलाओं की मौत हो गई है। इस घटना से पूरे इलाके में हलचल जैसी स्थिति है। जानकारी के अनुसार, 4 जुलाई को जिन गर्भवती महिलाओं के सीजर ऑपरेशन हुए, उनमें एक, दो नहीं बल्कि सभी को पेशाब और संक्रमण की शिकायत हुई और एक के बाद एक करीबी पांच महिलाओं का दम तोड़ दिया गया।

20 दिन के अंदर पांच महिलाओं ने एक-एक कर दम तोड़ दिया। करीब पांच नवजात शिशुओं के सिर से मां का साया उठ गया। महिलाओं के अवशेषों ने जिला अस्पताल प्रबंधन पर इलाज में गंभीर विविधता का आरोप लगाया है। कुछ मृतकों ने मृत महिला के शव को सड़क पर ले जाकर स्मारक के खिलाफ सीएम से कार्रवाई की मांग की है। वहीं दमोह कलेक्टर ने इसे बड़ी वैश्विक स्तर की जांच करने की सलाह दी और एक सप्ताह की आंतरिक रिपोर्ट के बाद कार्रवाई करने का विश्वसनीय सहायक है।

पहला लेख: दमोह के बकायन गांव के सचिन साहू की पत्नी लक्ष्मी साहू की हैं, जो जजबा में बंधक बनी हुई हैं। वह अस्पताल जिला दमोह में नामांकन भंडार के लिए आया था, रात होते-होते कहा गया कि सीजर होगा। चार-पांच घंटे बाद तेज दर्द हुआ और दो मिनट बाद लक्ष्मी की सांसें थमी। लक्ष्मी के पति नौकरीपेशा हैं कि हॉस्पिटल के स्टाफ की नौकरानी की पत्नी की मृत्यु हो गई।

दूसरा मामला: हिंडोरिया गांव की निशा परवीन का पहला बच्चा था। सीज़र तक सब ठीक था. बच्चा मिठा बटंकी चला गया, पर पेशाब बंद हो गया। बताया गया बायोलॉजिकल फेल हो गया। बमुश्किल एस्टीमेट के प्रबंधतंत्र में गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई। जबलपुर मेडिकल कॉलेज में डायबीज होते रहे। 18 दिन के संघर्ष के बाद निशा परवीन ने भी दम तोड़ दिया। एक भी जिला अस्पताल पर गंभीर विविधता का आरोप लगा रहे हैं।

तीसरा मामला: हटाये गये हुमा का भी पहला बच्चा था. सीज़र तक सब ठीक था. लेकिन, सुपरमार्केट के बाद भी पेशाब की समस्या जारी हो गई। उनकी भी किडनी फेल बताई गई। दमोह से एनबीएल मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया, जहां कॉन्स्टेंट डायसिस चल रही थी और 20 दिन के संघर्ष के बाद हुमा ने भी दम तोड़ दिया। एक भी जिला अस्पताल पर गंभीर विविधता का आरोप लगा रहे हैं।

चौथा मामला: दमोह के पटेरा नया गांव की हर्षना कोरी का पहला बच्चा सीजर से हुआ, चांद घंटों में ही गायब हो गया। दमोह के संगीतकार ने संघर्ष पर ज्यादा जोर नहीं दिया और सुबह से पहले हर्षना ने भी दम तोड़ दिया। ऐसे ही 4 जुलाई को जिला अस्पताल में हुए सीजर ऑपरेशन में अब तक पांच महिलाओं की मौत की खबर प्रशासन से भी मिल सकती है.

अध्यापिकाओं ने जांच की
दमोह ने जांच के लिए ज्वाइंट डायरेक्टरेट हेल्थ को निर्देशित किया है। उन्होंने टूर कर शो कॉज नोट दिए हैं। डॉक्टर ने माना कि सभी महिलाओं का स्वास्थ्य था। उनकी मृत्यु सामान्य नहीं है. रिपोर्ट आने पर मानक के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

टैग: दमोह समाचार, सरकारी अस्पताल, लोकल18, एमपी समाचार

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