झारखंड

बिहार समाचार: बांग्लादेश से अवैध प्रवेश को नियंत्रित करने के लिए अलग केंद्र, बिहार भाजपा विधायक ने की चार जिलों की मांग – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव – बिहार को विभाजित करें: बिहार के चार राज्यों से अलग करने की मांग! भाजपा नेता बोले

बिहार समाचार: बांग्लादेश से अवैध प्रवेश को नियंत्रित करने के लिए अलग केंद्र शासित प्रदेश, बिहार भाजपा विधायक ने की चार जिलों की मांग

भाजपा नेता हरि शत्रुघ्न बचोल।
– फोटो : सोशल मीडिया।

: …


बिहार की खबरें चार मिशेल किशनगंज, अररिया, पूरिया और फुलिया में बांग्लादेशी लुटेरों के जाल में फंसने की खबरें आ रही हैं, लेकिन अब भारतीय पार्टी के नेता हरि भूषण ठाकुर बचौल ने सीधे तौर पर कहा है कि इन चार मछुआरों में हिंदू अल्पसंख्यक हो गए हैं। इन जिलों से पश्चिम बंगाल और झारखंड के कुल मोटरसाइकिलों को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का ही विकल्प है, ताकि देश से कट रहे इस हिस्से में अतिक्रमण पर नियंत्रण जा सके।

ट्रेंडिंग वीडियो

सामाजिक कार्यकर्ता का जन्म कर दिया गया है

भाजपा के सहयोगी नेता हरि शत्रुतान ठाकुर ने कहा कि बिहार के अररिया, किशनगंज, जापान और पूर्णिया में बांग्लादेशी घुसपैठियों की अच्छी बिक्री संख्या है। झारखंड के गोदाम, पाकुड़, साहेबगंज और राजमहल में पर्यटन की संख्या घट गयी है। बांग्लादेशी घुसपैठियों ने धार्मिक और सामाजिक रूप से जन्म लिया है। इसलिए हमारी मांग है कि बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के कुछ जिले, जो बांग्लादेशी घुसपैठियों से प्रभावित हों, वहां का सामाजिक तानाबाना प्रभावित हो, जनसंख्या का संतुलन प्रभावित हो। इसके लिए केंद्र सरकार के तहत एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया। बिहार, झारखंड और बंगाल के घुसपैठियों के लिए एक अलग उपाय किया जाए।

कल भारत से अलग होने की मांग करेंगे

भाजपा नेता बचोल ने कहा कि घुसपैठियों की समस्या काफी गंभीर विषय है। क्योंकि हमने देखा कि जहां-जहां आदिवासियों की संख्या कम हो गई है, वहां डिवीजन की मांग बहाल हो गई और वह देश से भी भाग गया। केंद्र सरकार इस मामले को चयन से ले। इसलिए निशिकांत दुबे की मांग का हम समर्थन करते हैं। धार्मिक जनसंख्या में काफी परिवर्तन आया है। हिंदू समाज के कई स्थानों पर बहुसंख्यक है, वहां अब अल्पसंख्यक बन गया है। बिहार, झारखंड और बंगाल के इन गांवों में बांग्लादेशी घुसपैठिए हिंदू महिलाओं से शादी कर रहे हैं। वह डिविजनल इंटरएक्टिविटी में भी शामिल हैं। स्थानीय लोगों का इन लोगों का जीना दुभर कर दिया गया है। वह आज न कल भारत से अलग होने की मांग करेंगे। भारत सरकार को इस मामले में चयनकर्ता से लेनी चाहिए और स्वचालित कार्रवाई करनी चाहिए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *