महाराष्ट्र

एनसीपी विवाद पर अजित पवार गुट को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

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सुप्रीम कोर्ट ने ‘बागी’ नेता के नेतृत्व वाले समूह को महाराष्ट्र विधानसभा के राष्ट्रपति पद के फैसले की चुनौती देने वाले समूह को चुनौती देने वाली राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (शरद पार्टी) की याचिका पर राज्य के उप मुख्यमंत्री अजित पवार और उनके समर्थकों ने सोमवार को जवाब-तलब किया।

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और रॉबर्ट ज़ीबी पारदीवाला और रॉबर्ट मनोनीत मिश्रा की पूर्णिमा ने प्रिंसेस की स्थापना करने वाले वरिष्ठ नेता शरद समर्थक के नेतृत्व वाले ग्रुप की याचिका पर अपने समर्थकों को बधाई दी। अजीत पवार ग्रुप को नोटिस जारी करने का आदेश दिया गया। महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने 15 फरवरी को अपने आदेश में कहा था कि अजिताभ नेतृत्व वाली गर्ल्स ग्रुप असली राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी है।

नार्वेकर ने अपने निर्णय में कहा था कि एक-दूसरे के बैचलर्स द्वारा मांगे जाने वाली सेकन्डलता की नियुक्तियों को खारिज कर दिया जाता है। विधानसभा ने कहा था कि 30 जून से 2 जुलाई, 2023 के बीच जो घटना घटी, उसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि वे लड़कियों के स्वभाव के विपरीत थे और पार्टी के सदस्य दो नेताओं के बीच बंटे हुए थे। उन्होंने एक-दूसरे के ग्रुप के खिलाफ़ भेदभावपूर्ण आवेदनों को खारिज कर दिया था।

शीर्ष अदालत ने : … यूबीटी समूह के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अन्य निवेशकों के खिलाफ इसी तरह की याचिका के साथ मामले की सुनवाई का निर्णय लिया गया। विपक्ष का कहना है कि चुनाव आयोग ने 6 फरवरी 2024 को अजिताभ के ग्रुप को गर्लफ्रेंड के रूप में बताया और इसे पार्टी के चुनाव में ‘घड़ी’ के इस्तेमाल के लिए इस्तेमाल किया गया। अजित राइटर अपने चाचा शरद के खिलाफ बगावत कर बीजेपी-शिवसेना सरकार में शामिल हो गए थे।

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