निर्मला सीतारमण ने कहा कि बजट में सभी वर्गों और सभी क्षेत्रों के हितों को ध्यान में रखा गया है – India Hindi News
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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि बजट में सभी वर्गों और सभी क्षेत्रों के हितों पर ध्यान दिया गया है। मगर, दुर्भाग्य से विपक्षी दलों के लोग भ्रम फैला रहे हैं और राज्यों की उपेक्षा का आरोप लगा कर राजनीति कर रहे हैं। सीतारमण ने लोकसभा में बजट 2024-25 पर चार दिन चली चर्चा का जवाब देते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि बजट में सभी वर्गों और सभी क्षेत्र के साधने का प्रयास करके सभी तरह की चुनौतियों से निपटने के प्रावधान किए गए हैं। बजट व्यय में 48.21 लाख करोड रुपये का प्रावधान है जो पिछले साल से 7.3 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बजट भाषण में कभी किसी राज्य का नाम नहीं लेने का मतलब ये नहीं है कि उस राज्य को पैसा नहीं दिया जा रहा है और उसकी उपेक्षा की जा रही है।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि यूपीए सरकार के समय में 2009-10 के पूर्ण बजट में केवल बिहार और उत्तर प्रदेश का उल्लेख किया गया था और 26 राज्यों का उल्लेख तक नहीं था। उन्होंने विभिन्न राज्यों के लिए बजट में योजनाओं के लिए आवंटन की सूची गिनाते हुए कहा कि उनके बजट भाषण में राज्यों की उपेक्षा करने का झूठ फैलाने की कोशिश की गई है, जिससे उन्हें बहुत पीड़ा है। सीतारमण ने कहा कि बजट में पूंजीगत व्यय 11.11 लाख करोड़ रुपये है जो कोविड के पहले की तुलना में तीन गुना हो गया है। कोविड के प्रभाव से उभर कर अर्थव्यवस्था तेजी से बढ रही है। प्रभावी पूंजीगत व्यय 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक है जो पिछले साल के संशोधित अनुमान से 18 प्रतिशत से ज्यादा है।
वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि और संबंधित क्षेत्रों के लिए पूंजीगत व्यय 1.52 लाख करोड़ रुपये है। शिक्षा और कौशल पर पर व्यय 1.8 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान है जबकि महिलआों बाल विकास के लिए 3.27 लाख करोड़ रुपये है। ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। स्वास्थ्य 1.46 लाख करोड़ रुपये का प्रावधन है। उन्होंने कहा कि हर सामाजिक क्षेत्र के लिए बजट पिछले साल से बढ़ा है और 2013-14 की तुलना में कई गुणा ज्यादा है। वित्त मंत्री ने कहा कि कोविड काल में राजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे का अनुपात 80 प्रतिशत था जो चालू वित्त वर्ष में गिरकर 36 प्रतिशत पर आ गया है। यह पूंजी खर्च में वृद्धि और बजट की गुणवत्ता को दर्शाता है। राजकोषीय व्यवस्था मजबूती की राह पर बनी हुई है। भारत आज दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ रही अर्थव्यवस्था है और इसके लिए देश का हर व्यक्ति बधाई का पात्र है जिन्होंने इसके लिए परिश्रम से काम किया है।