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कानपुर की सकरी गलियों में बने खड़े 433 जर्जर मकान गिरने की कगार पर, खतरे में है 4 हजार लोगों की जिंदगी – 433 dilapidated houses built in the narrow streets lives of 4 thousand people at stake

आयुष तिवारी/कानपुर. बारिश की शुरुआत के साथ ही कानपुर शहर के पुराने इलाकों में तने खड़े जर्जर हो चुके मकान बड़ा खतरा बन चुके हैं. ऐसा ही मामला बीते दिनों भी देखने को मिला. शहर के परमट इलाके में बारिश से जर्जर मकान ढह गया. जिसमें दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. मानसून की दस्तक के बाद नगर निगम ने तंग (सकरी) गलियों में बने 433 जर्जर मकानों को नोटिस दिया था. इन भवनों में करीब चार हजार से अधिक लोग डर के साये में रह रहे हैं. वहीं, नोटिस थमाकर नगर निगम ने इस खतरे से अपना पल्ला झाड़ लिया है. जबकि पिछले साल ही बारिश के दौरान जर्जर मकान ढहने से पांच लोगों की मौत हो चुकी है. इस बार भी नगर निगम हादसों का इंतजार कर रहा है.

मानसून की दस्तक से पहले नगर निगम ने जर्जर मकानों का सर्वे किया था. सर्वे में शहर के 433 जर्जर मकान घोषित किए थे. इन भवनों में हजारों लोग जिंदगी दांव पर लगाकर रह रहे हैं. पुलिस ने कई बार इन मकानों को खाली कराने के लिए नगर निगम को पत्र भी लिखा है, फिर भी कोई कार्रवाई शुरू नहीं हुई. उधर नगर निगम का दावा है कि पुलिस सहयोग के बिना कार्रवाई नहीं हो पाती है. पुराना कानपुर, कर्नलगंज, चमनगंज, बादशाहीनाका, ग्वालटोली, चंद्रनगर में ऐसी तमाम भवन आज भी खड़ें हैं. जहां लोग रह रहे हैं.

मकानों के गिरने का खतरा मंडराने लगा

बरसात आते और मौसम में नमी आते ही मकानों के गिरने का खतरा मंडराने लगा है. नगर निगम ने ऐसे मकानों को गिराने की योजना तो बनाई है, लेकिन अभियान अभी चला नहीं है. जबकि नगर निगम में जर्जर मकानों के गिराने के लिए प्रार्थना पत्र आते हैं. जिसके बाद नगर निगम भवनों को गिराने का खर्च मकान मालिक से लेता है. जिसमें बात फंस जाती है. हालांकि, इनमें से अधिकतर मकान ऐसे भी हैं, जिनका केस कोर्ट में चल रहा है, और फैसले का इंतजार है.

मकान खाली करने को नहीं राजी हो रहे लोग

पूरे मामले में महापौर प्रमिला पांडे का कहना है कि जर्जर मकानों को लेकर नगर निगम के द्वारा नोटिस दिया गया है. लेकिन, ऐसे कुछ मकान है जिनका कोर्ट में मुकदमा चल रहा है. उसमें किराएदार रह गए हैं किरायेदारों से घर खाली करने को कहा गया है तो वह ना तो घर खाली कर रहे हैं साथ ही कहते हैं कि गिर जाने दीजिए, हम नहीं खाली करेंगे. महापौर ने कानपुर जिला जज से अपील की है कि ऐसे भवनों का जल्द से जल्द निस्तारण किया जाए.

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