गुजरात-पंजाब के बाद बिहार में मची भगदड़, IGIA से आया नया मामला, बर्बाद हो गई 26 साल की युवाओं की जिंदगी
हवाई अड्डा समाचार: गुजरात और पंजाब के बाद अब बिहार में ताकत है। बिहार में तेजी से सक्रिय हो रहे एजेंटों ने वहां के निवेशकों का कारोबार शुरू कर दिया है। ये एजेंट शैतानों को पहले विदेश में बेहतरीन जिंदगी का सब्जबाग दिखाते हैं और फिर लाखों रुपये वसूलने के सरदार सरदार थमा देते हैं। एजेंट तो मोटे नोट लेने के बाद अंडर ग्राउंड हो जाते हैं, लेकिन विदेश जाने के नाम पर अरबों रुपये के साथ अपना पूरा जीवन दांव में लगा दिए जाते हैं। एक ऐसा ही मामला डेफिनेट के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से सामने आया है।
इस मामले में बिहार के गोपालगंज में रहने वाला एक 26 वर्षीय प्रवासी विदेश में भव्यता का बेहतर सपना लेकर आईजीआई एयरपोर्ट का उद्घाटनकर्ता है। आईजीआई एयरपोर्ट से पहले आतंकवादी के लिए आक्रमण किया गया था और उसके बाद उसे आतंकवादी से किर्गिस की यात्रा पर ले जाया गया था। धनंजय यादव ने इसका नाम आईजीआई हवाई अड्डे तक तो पहुंच बना लिया, लेकिन बाद में वह अपने मित्र की जगह आईजीआई हवाईअड्डे तक पहुंच गया। असल में, आधिकारिक डॉक्यूमेन्ट की मेमोरियल क्रुटनी के दौरान उसका पासपोर्ट किर्गिस डॉक्युमेंट थान का स्वामी फर्जी पाया गया।
दो लाख रुपए में हुई थी किर्गिस स्टार्टअप की डिलिवरी
आईजीआई एयरपोर्ट की शौक़ीन उषा रंगनानी के, फ़र्ज़ी वज़ीर पर किर्गिस डोनेशन जाने की कोशिश कर रहे धनंजय यादव को आप्रवासन के ब्युरो ने आगे की कार्रवाई के लिए पुलिस के हवाले कर दिया था। पूछताछ में उसने बताया कि यूरोपीय देशों में उसके कुछ दोस्त रोजगार की तलाश में थे। बेहतर जिंदगी की आस में वह भी विदेश जाने का सपना बुनने लगा। इसी बीच, उनसे मुलाकात मु नयना सिंह नाम के युवा ने रहमतुलल्लाह नाम के एक एजेंट से की। रहमतुलल्लाह ने दो लाख रुपये के कारोबार में उन्हें किर्गिस बिजनेस बिजनेस बिजनेस बिजनेस बिजनेस बिजनेस बिजनेस बिजनेस बिजनेस बिजनेस बिजनेस बिजनेस बिजनेस बिजनेस बिजनेस बिजनेस बिजनेस बिजनेस बिजनेस बिजनेस बिजनेस बिजनेस बिजनेस बिजनेस डेवलपमेंट ऑफ बिजनेस ऑफ बिजनेस इन बिजनेस ऑफ बिजनेस इन बिजनेस ऑफ बिजनेस इन बिजनेस ऑफ बिजनेस के बिजनेस बिजनेस के बिजनेस बिजनेस बिजनेस बिजनेस के बिजनेस बिजनेस बिजनेस रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट कंपनी के प्रमुख अधिकारी के निदेशक कर्ता स्वामीजी महाराज के स्वामी फ़रमान हज़रत का व्यवसाय का व्यवसाय का का का का का वादा का वादा किया उसका साथ दिया।
बिहार में माँ रामाहिन्द की खोज में निकली टीम
पूछताछ के दौरान, धनंजय ने बताया कि डिल के अंडर में दो लाख रुपये की बकाया राशि का भुगतान कर उसने रहमतुलल्लाह को कर दिया था। इसके बाद, रहमतुल्ला ने अपने कुछ सहयोगियों की मदद से मर्चेंट और किर्गिस डामरन का सरदार अरेंज कर दिया। वह किर्गिस हवाईअड्डे से किर्गिस गणराज्य में प्रवेश करता है, इससे पहले ब्युरो ऑफ आप्रवासन के अधिकारियों ने उस पर प्रतिबंध लगा दिया था। धनंजय के खुलासे के आधार पर आईजीआई ने हवाईअड्डा पुलिस के खिलाफ एक टीम में शामिल रहमतुलल्लाह की तलाश में एक टीम बिहार पर हमला कर दिया।
होटल में तैयार किया गया जालसाजों का पूरा गैंग
वोट उषा रंगनानी ने बताया कि लोकर साइंटिफिक और टेक्निकल मिर्जा की मदद से रहमतुल्लाह को बिहार के गोपालगंज से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ के दौरान रहमतुलल्लाह ने पुलिस को बताया कि वह 10वीं कक्षा तक की पढ़ाई कर चुका है। वह करीब 13-14 साल तक स्टूडेंट में रहे। इसी दौरान उनकी बातचीत में कुछ ऐसे लोग से हुए, जो भारतीय आदिवासियों को अपने जाल में फंसे विदेशी जहाज़ों का सब्ज़बाग दिखा रहे थे। भारत वापसी के बाद वह भी इन लोगों के साथ इस गोरखधंधे में शामिल हो गये. इंफ्रास्ट्रक्चर ने बताया कि उन्होंने 2019 में आर फ्रांसिस्को रिक स्टूडियो नाम से एक ऑफिस खोला था।
जारी है दस्तावेज़ की जाँच और पूछताछ का स्क्रीनशॉट
इसके बाद, उसने विदेशी उद्यम के नाम पर लोगों को अपने जाल में फंसाना शुरू कर दिया। मूल निवासी रहमतुल्लाह ने धनंजय से जुड़े मामले में स्वतंत्र कारनामा किया था कि उन्होंने किर्गिस बिजनेसमैन के साथ मिलकर फर्जी जादूगर की व्यवस्था की थी। इसके लिए धनंजय से दो लाख रुपये मांगे गए। वोट उषा रंगनानी के अनुसार, बंजारा रहमतुल्ला से पूछताछ जारी है और उसक बैंक क्रिप्टो का भी पंजीकरण किया जा रहा है। जिससे यह पता चल सके कि धनंजय की तरह उसे और किस तरह के सपनों को अपने जाल में फंसाने वाले की जिंदगी तबाह हो गई है।
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पहले प्रकाशित : 8 अगस्त, 2024, 10:27 IST