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किसानों को शंभू बॉर्डर पर रोकने वाले पुलिसवालों को नहीं मिलेगा वीरता पुरस्कार, केंद्र ने HC में दी जानकारी

13 व 14 फरवरी 2024 को शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच को तैयार खड़े किसानों को रोकने वाले हरियाणा के पुलिस अ​धिकारियों को वीरता पुरस्कार नहीं मिलेगा। वीरता पुरस्कार के लिए इन अधिकारियों के नामों की सिफारिश देरी से करने के कारण केंद्र सरकार ने वीरता पुरस्कार देने में असमर्थता जताई। इसके बाद पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के इस कारण को मानते याचिका को रद्द कर दिया है।

किसानों ने किया था पुरस्कार देने का विरोध

किसान यूनियन की तरफ से इन अधिकारियों को वीरता पुरस्कार दिए जाने का विरोध किया गया था। उन्होंने हाईकोर्ट से इस मामले में याचिका को रद्द करने की मांग की थी। जिस पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी और याचिका को खारिज कर दिया गया है। इस मामले को लेकर वकीलों की यूनियन लॉयर्स फॉर ह्यूमैनिटी नाम के वकीलों की एक यूनियन ने भी हरियाणा सरकार के नोटिफिकेशन को रद्द करने की मांग की थी। नोटिफिकेशन में सरकार ने 6 पुलिस अधिकारियों के नामों की सिफारिश वीरता पुरस्कार के लिए की थी।

पंजाब सरकार ने भी जताया था ऐतराज, पीएम को लिखा था पत्र

शंभू बॉर्डर पर किसानों को रोकने वाले हरियाणा के पुलिस अफसरों को बहादुरी पुरस्कार देने की सिफारिशों पर पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने आपत्ति जताई थी। स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने प्रधानमंत्री को किसानों को शंभू बॉर्डर पर आगे बढ़ने से रोकने में शामिल पुलिस अधिकारियों के लिए बहादुरी के पुरस्कारों की सिफारिशों पर पुनर्विचार करने की अपील की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे अपने पत्र में संधवां ने कहा कि वह हरियाणा के डीजीपी द्वारा शंभू बॉर्डर पर किसानों के मार्च को रोकने में शामिल छह पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को बहादुरी के पुरस्कार देने की सिफारिश पर चिंता और निंदा करते हैं। संधवां ने कहा था कि देश के किसानों द्वारा दिए गए योगदान के लिए वह मान-सम्मान के हकदार है, इसके लिए उनके साथ किसी भी तरह की बेरुखी और बेइंसाफी न की जाए।

केंन्द्रीय गृह मंत्रालय ने उठाए थे सवाल

हरियाणा के पांच पुलिस अधिकारियों को वीरता पुरस्कार दिलाने के प्रस्ताव पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सवाल उठाए हैं। मंत्रालय ने हरियाणा के गृह विभाग को भेजे पत्र में कहा कि ऑनलाइन जमा किए गए आवेदनों के साथ सभी जरूरी जानकारी नहीं दी गई है। न ही गोलीबारी का विवरण और आंदोलनकारियों के खिलाफ आपराधिक मामलों की स्थिति अपलोड नहीं की गई है। मंत्रालय ने कहा कि हरियाणा पुलिस के साथ केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के कर्मी भी तैनात थे, लेकिन सरकार ने उनके लिए कोई सिफारिश नहीं की है।

इन पुलिस अधिकारियों के नामों की हुई थी सिफारिश

हरियाणा सरकार ने केंद्र को जिन पुलिस अधिकारियों के नाम की सिफारिश पुरस्कार के लिए की थी उनमें आईजी शिबास कविराज, करनाल के पूर्व एसपी जश्नदीप सिंह रंधावा, जींद के एसपी सुमित कुमार, डीएसपी नरेंद्र कुमार, राम कुमार और अमित बत्रा का नाम शामिल है।

रिपोर्ट: मोनी देवी

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