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जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में सेना और आतंकियों के बीच एनकाउंटर, दो जवान शहीद; 3 घायल

जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में शनिवार को आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई। इस मुठभेड़ में दो जवान शहीद हो गए हैं जबकि तीन अन्य घायल हो गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद दक्षिण कश्मीर जिले के कोकेरनाग इलाके के अहलान गडोले में घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया। अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों द्वारा तलाशी दल पर गोलीबारी करने पर सुरक्षा बलों ने जवाब में गोलीबारी की, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई।

शनिवार दोपहर को मिली जानकारी के अनुसार, कोकरनाग इलाके के अहलान गडोले क्षेत्र में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना के आधार पर सुरक्षा बलों ने घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया। जैसे ही सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी की वहां छिपे हुए आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। जिससे दोनों पक्षों के बीच मुठभेड़ छिड़ गई। शुरुआती गोलीबारी में एक जवान घायल हो गया, जिसे तुरंत 92 बेस सेना अस्पताल ले जाया गया। इसके कुछ समय बाद एक और जवान के घायल होने की खबर आई और फिर दुखद रूप से दो जवान शहीद हो गए।

माना जा रहा है कि आतंकियों का यह समूह भारी हथियारों से लैस है और जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा हुआ है। रिपोर्ट्स के अनुसार, ये आतंकी डोडा से दक्षिण कश्मीर के वन क्षेत्रों में घुसपैठ करने में सफल हुए थे। घना जंगल और ऊबड़-खाबड़ इलाका होने के कारण आतंकियों के भागने की संभावना बढ़ गई है लेकिन सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर व्यापक तलाशी अभियान जारी रखा है। इस मुठभेड़ के दौरान, आतंकी सुरक्षा बलों के सामने आने के बाद घने वन क्षेत्र में भाग गए, जिससे मुठभेड़ और भी जटिल हो गई है। फिलहाल सुरक्षा बल पूरी मुस्तैदी से इलाके की तलाशी ले रहे हैं।

अनंतनाग में चल रही इस मुठभेड़ को हाल के महीनों में जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकवादी हमलों की कड़ी से जोड़ा जा रहा रहा है। लगभग दो सप्ताह पहले कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (बीएटी) के हमले को सेना ने विफल कर दिया था। इस हमले में एक सैनिक शहीद हो गया था और एक मेजर रैंक के अधिकारी सहित चार अन्य घायल हुए थे।

इससे पहले, डोडा जिले में भी आतंकवादियों के साथ एक मुठभेड़ हुई थी जिसमें एक अधिकारी और एक पुलिसकर्मी समेत चार सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद के एक छद्म समूह ‘कश्मीर टाइगर्स’ ने ली थी। इन हमलों ने जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति को और अधिक जटिल बना दिया है और सुरक्षा बलों के लिए चुनौतियां उत्पन्न की हैं।

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