आसमान से तो नहीं टपके, 200-300 आतंकियों ने की घुसपैठ; जम्मू-कश्मीर में बढ़ते हमलों पर भड़के फारूक अब्दुल्ला
नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में बढ़ती घुसपैठ को लेकर रविवार को अपने गुस्से का इजहार किया। न्यूज एजेंसी एएनआई से बीतचीत में उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि 200-300 आतंकियों ने घुसपैठ की है। आखिर ये कैसे आए और कहां से आए? आसमान से तो नहीं टपके, क्या ड्रोन से गिराए गए। सवाल है कि ये आए कैसे? कोई तो इसका जिम्मेदार होगा जो ये बॉर्डर पार कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि वे या तो कश्मीर, पंजाब, राजस्थान या फिर गुरजात की सीमा से घुसपैठ कर रहे हैं। आप देखिए कि मर कौन रहा है। हमेश कर्नल, मेजर और सिपाही शहीद हो रहे हैं। स्थानीय लोग भी तो शहीद हो रहे हैं। देश के लोग पूछ रहे हैं कि ये हो कैसे रहा है? इसे लेकर केंद्र सरकार को जवाब देना चाहिए।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ‘अब तो दूसरा खतरा भी बढ़ गया है। भारत से लगता बांग्लादेश का बॉर्डर सबसे बड़ा है। नहीं पता कि अब वहां से क्या आएगा। इसे लेकर सवाल पूछने का हक है। बहुत से लोग पूछ नहीं सकते मगर मैं सवाल कर सकता हूं। मुझे लगता है कि पूरे मामले की जांच की जरूरत है। इस पर जांच बैठाई जानी चाहिए। यह देखना होगा कि हमारी क्या कमजोरी है। ऐसी सभी कमियों को दूर करने की जरूरत है।’ उन्होंने कहा कि मैं सत्ता में नहीं हूं और मेरे पास एजेंसियां नहीं हैं कि मैं इसके जिम्मेदारों के बारे में बता सकूं। यहां उपराज्यपाल हैं, उन्हें इस बारे में गौर करना चाहिए।
वीडीजी के साथ समन्वय पर जोर
इस बीच, जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक आर आर स्वैन ने घाटी की सुरक्षा पर रविवार को बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर घुसपैठ रोकने के लिए ग्राम रक्षा दल (वीडीजी) के रक्षकों को हथियारों व रात में देखने में सहायक उपकरणों से लैस किया जाएगा। साथ ही, उन्हें उचित रूप से पुरस्कृत किया जाएगा ताकि दुश्मन के लिए मुश्किलों को और बढ़ाया जा सके। स्वैन ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल और पुलिस के साथ समन्वय में ग्राम रक्षा दल के सुचारू संचालन के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं निर्धारित की जाएंगी। स्वैन ने घुसपैठ रोधी तंत्र को मजबूत करने के प्रयासों के तहत पुलिस और बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ दल के रक्षकों से मुलाकात की।