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आईआईटी मद्रास हर साल 500 गणित शिक्षक तैयार करेगा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा एनालिटिक्स पर भी रहेगा जोर

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IIT Madras) गणित में बी.एससी. (विज्ञान स्नातक) पाठ्यक्रम शुरू करेगा. आईआईटी मद्रास का लक्ष्य प्रति वर्ष कम से कम 500 गणित शिक्षक तैयार करना है. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के राष्ट्रीय संस्थागत रैंक फ्रेमवर्क द्वारा जारी लिस्ट के अनुसार, आईआईटी मद्रास ने सोमवार को लगातार छठे वर्ष हर श्रेणी में पहला स्थान प्राप्त किया है. वहीं लगातार नौवें वर्ष ‘इंजीनियरिंग’ श्रेणी में भी पहला स्थान प्राप्त किया.

रिसर्च में IIT-M दूसरे स्थान पर

अनुसंधान संस्थान श्रेणी में आईआईटी-एम ने शीर्ष दूसरा स्थान हासिल किया. एनआईआरएफ सूची (NIRF List) में शीर्ष स्थान प्राप्त करने के लिए 11,000 छात्रों, फैकेल्टी मेंबर, शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए आईआईटी-एम के निदेशक वी. कामकोटि ने कहा कि संस्थान का चयन विभिन्न मापदंडों के आधार पर किया गया है, जिसमें हर साल स्नातक करने वालों का प्रतिशत और हर साल पीएचडी पूरा करने वाले छात्रों की संख्या शामिल है.

कामकोटि ने मीडियाकर्मियों से कहा, ‘हम लगातार छठें वर्ष हर श्रेणी में और लगातार नौवें वर्ष ‘इंजीनियरिंग’ में पहला स्थना प्राप्त करके बहुत खुश हैं. मैं छात्रों, कर्मचारियों, पूर्व छात्रों, तमिलनाडु सरकार, केंद्र सरकार और विभिन्न मंत्रालयों को धन्यवाद देता हूं. हम शिक्षा के क्षेत्र में इस देश को जो चाहिए उसे देने पर ध्यान केंद्रित करते हैं. हम सभी हितधारकों को धन्यवाद देते हैं.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा एनालिटिक्स पर जोर

‘उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों से संस्थान चिकित्सा विज्ञान, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ‘डेटा एनालिटिक्स’ जैसे पाठ्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. उन्होंने कहा कि खेल उत्कृष्टता अभियान (Sports Excellence Campaign) के तहत खेलों में शानदार प्रदर्शन करने वाले छात्रों को शामिल करने के कार्यक्रम की शुरुआत के साथ ही अलग-अलग खेलों में राष्ट्रीय चैंपियन पांच छात्रों को संस्थान में अध्ययन करने का अवसर मिला है.

हर साल गणित के 500 शिक्षक

कामकोटि ने कहा, ‘इस तरह की पहल अप्रत्यक्ष रूप से हमारे लिए शीर्ष रैंक हासिल करने का एक कारण रही है.’उन्होंने कहा, ‘हम भविष्य में गणित और बीएड पाठ्यक्रम शुरू करने की भी योजना बना रहे हैं. हमारा लक्ष्य हर साल गणित में कम से कम 500 शिक्षक तैयार करना है.’

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