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हम कमेंट नहीं करते… अमेरिकी चुनावों पर विदेश मंत्री जयशंकर का तंज

अमेरिका में चुनाव 5 नवंबर को होंगे। उससे पहले चुनावी अभियान जोरों-शोरों पर है। इस पर भारत के विदेश मंत्री ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि वे दूसरे देशों की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर कमेंट नहीं करते हैं। हालांकि उन्होंने दोहराया कि भारत अमेरिका के साथ काम करने के लिए तैयार है, चाहे उनके राष्टट्रपति ऑफिस में कोई भी पहुंचे। दोनों लोकतंत्रों के बीच पिछले 20 वर्षों के संबंधों का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री ने कहा, “हमें पूरा भरोसा है कि हम संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ काम करने में सक्षम होंगे, चाहे वह कोई भी हो।”

जयशंकर ने कहा, “आमतौर पर हम अन्य लोगों के चुनावों पर टिप्पणी नहीं करते, क्योंकि हम उनसे उम्मीद करते हैं कि वे भी हमारे चुनावों पर टिप्पणी नहीं करेंगे।” विदेश मंत्री का इशारा लोकसभा चुनाव 2024 में अमेरिकी टिप्पणियों की ओर तरफ था। भारत में आम चुनाव के दौरान अमेरिका ने धार्मिक मुद्दे को लेकर बयान दिया था। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा था कि वह सभी धार्मिक समुदाय के सदस्यों के लिए समान व्यवहार के लिए सार्वभौमिक सम्मान को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और इस मामले पर भारत समेत दुनिया भर के देशों के साथ बातचीत कर रहा है।

राष्ट्रपति चुनावों पर उन्होंने कहा कि अमेरिकी लोग अपना फैसला करेंगे। लेकिन वे जो भी फैसला करेंगे और जो भी व्यक्ति राष्ट्रपति बनेगा, भारत उसके साथ काम करने को तैयार है। विदेश मंत्री ने दिल्ली में भारतीय प्रवासियों की प्रभाव रिपोर्ट के लॉन्च के अवसर पर कहा, “मैं यह सिर्फ औपचारिकता के तौर पर नहीं कह रहा हूं। अगर आप पिछले 20 सालों पर नजर या उससे पहले से नजर डालेंगे तो पाएंगे कि अमेरिका के साथ हमारे संबंध अच्छे रहे हैं। हमें पूरा भरोसा है कि हम संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ काम करने में सक्षम होंगे, चाहे वह कोई भी हो।”

उन्होंने कहा, “मैं एक आशावादी व्यक्ति हूं और आमतौर पर समस्याओं के समाधान के बारे में सोचता हूं, न कि उन समस्याओं के बारे में जो समाधान से उत्पन्न होती हैं।” उन्होंने आगे कहा कि विश्व इस समय “अत्यंत कठिन दौर” से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि अगले पांच सालों बेहद भयावह होने वाले हैं। विदेश मंत्री ने रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास युद्ध का भी जिक्र किया, जिसके खत्म होने के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं।

विदेश मंत्री ने कहा, “आप मध्य पूर्व में जो कुछ भी देख रहे हैं, यूक्रेन में जो कुछ भी हो रहा है, दक्षिण-पूर्व एशिया, पूर्वी एशिया में जो कुछ भी हो रहा है, वह कोविड का निरंतर प्रभाव है, जिसे हममें से जो लोग इससे बाहर आ चुके हैं, वे हल्के में लेते हैं, लेकिन कई लोग इससे बाहर नहीं आ पाए हैं।” दुनिया भर में आर्थिक चुनौतियों की ओर इशारा करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि आज कई देश संघर्ष कर रहे हैं।

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