जम्मू-कश्मीर में स्वतंत्रता दिवस से पहले बड़ी कलाकृतियाँ, 4 नरसंहार; एक कैप्टन भी शहीद
रविकृष्णन खजूरिया, जम्मू
स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले सुरक्षा बलों को बड़ी तस्वीरें हाथ लगी हैं। जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के तटीय इलाकों में बुधवार को जारी एक अभियान के दौरान सेना ने चार मछुआरों को गिरोह में मार डाला है। हालाँकि इस अभियान में सेना का एक कैप्टन भी शहीद हो गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। इस अपराधी में एक नागरिक के भी घायल होने की खबर है। शहीद कैप्टन दीपक सिंह 48 नेशनल राइफल्स के जवान थे। घायल नागरिक हिरणी गांव का निवासी है। उसे मामूली चोट आई है।
अधिकारियों ने बताया कि शिवगढ़-अस्सार पट्टी में साझीदारों और पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर संयुक्त तलाश अभियान शुरू किया और इस दौरान घने जंगल वाले इलाके में उनके बीच गिरोह शुरू हो गया। उन्होंने बताया कि मछली पकड़ने के खिलाड़ी कैप्टन दीपक सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए, जिसके बाद उन्हें सैन्य अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
व्हाइट नाइट कोर ने कैप्टन दीपक सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि वह इस दुख की घड़ी में शोकाकुल परिवार के साथ हैं। व्हाइट नाइट कोर ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “व्हाइट नाइट कोर के सभी रैंक के अधिकारी कर्मचारी कैप्टन दीपक सिंह के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं, अपनी जान कुर्बान कर दी। व्हाइटनाइट कोर्प्स गहरी संवेदना व्यक्त करता है और इस दुख की घड़ी में शोक संत परिवार के साथ खड़ा है।”
अधिकारियों के अनुसार, कैप्टन सिंह डोडा जिले के अस्सर के शिवगढ़ धार में अभियान का नेतृत्व कर रहे थे, जब उनके शरीर के तीसरे भाग में तीन गोलियाँ थीं। एक सेना अधिकारी ने कहा, “गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद, कैप्टन दीपक सिंह अपनी टीम को निर्देश दे रहे थे, जब तक वे अस्पताल नहीं ले गए।”
अधिकारियों ने बताया कि मैटेरियल साइट से चार बैग मिले हैं, जिनमें खून लगा है। उसके साथ ही अमेरिका में बनी एम-4 कार्बाइन और गोला-बारूद भी बरामद हुए हैं। इसका मतलब यह है कि गैंगस्टर में चार अपराधी मारे गए हैं। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजेपी) आनंद जैन ने बताया कि दोपहर दो बजे तक इलाके में अभियान जारी था। उन्होंने बताया कि ऐसी अनोखी घटना होती है कि अपने घायल मित्र के सुरक्षा घेरे से भागने के लिए उसका कुछ हथियार और गोला-बारूद नष्ट हो जाता है।
अधिकारियों ने बताया कि कल शाम सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच गोलीबारी के बाद उधमपुर जिले के पटनीटॉप के जंगल से डोडा में घुस आए थे। अधिकारियों के अनुसार उधमपुर में मंगलवार शाम करीब छह बजे सस्ते दाम को लेकर पूछताछ का पता चला। इसके एक घंटे बाद उनका आपसी तालमेल शुरू हो गया। विपक्ष ने रातभर में इलाके को चारों ओर से घेर लिया।
अधिकारियों ने बताया कि आज सुबह फिर से मालदीव ने खोज अभियान शुरू किया। आज सुबह करीब 7.30 बजे पुन: मछली और मछुआरों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई। सिक्योरिटी फोर्सेज ने रविवार को भी दो मजदूरों में सेंधमारी कर दी। एक किश्तवाड़ के नौनट्टा के सुदूर वन क्षेत्र में और दूसरा उधमपुर के बसंतगढ़ क्षेत्र में। इन गिरोहों के बाद नरसंहार डोडा की तर्ज पर भाग गए। डोडा जिले के गंडोह क्षेत्र में 26 जून को हुई गोलीबारी में तीन अपराधी मारे गए। इन होने पर पाकिस्तान के अपराधी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) से जुड़े लोगों का संदेह है।