यह उनका पारिवारिक मामला… अजीत पवार के बयान पर प्रफुल्ल पटेल, सुप्रिया सुले पर मानी थी गलती
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने हाल ही में सार्वजनिक तौर पर यह स्वीकार किया था कि उन्होंने लोकसभा चुनाव में अपनी बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ पत्नी को उतारकर बड़ी गलती की है। उस चुनाव में सुले ने आसानी से जीत हासिल की थी। अब इस पूरे प्रकरण पर अजीत गुट के करीबी और एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल का बयान आया है। उन्होने कहा कि उनके लिए इस पर कुछ भी टिप्पणी करना उचित नहीं है, क्योंकि यह पवार का पारिवारिक मामला है।
दरअसल, पिछले साल एनसीपी से अलग होकर भाजपा और शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट की सरकार में शामिल हुए अजित पवार ने अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को उम्मीदवार बनाकर बारामती के पारिवारिक गढ़ को रोचक बना दिया था। यह मुकाबला चाचा-भतीजे के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गया था। हालांकि एनसीपी (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने बारामती लोकसभा सीट पर अजीत पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को 1.5 लाख से ज़्यादा वोटों से करारी शिकस्त दी।
अजीत ने मानी अपनी गलती
लोकसभा चुनाव के परिणाम अजीत गुट के लिए मुश्किल भरे रहे। उन्होंने मात्र एक लोकसभा सीट जीती। जबकि, शरद पवार गुट के खाते में आठ सीटें आईं। अब अपनी चचेरी बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ सुनेत्रा पवार को मैदान में उतारने के फैसले पर बोलते हुए अजीत पवार ने एक मराठी समाचार चैनल से कहा था, “मैं अपनी सभी बहनों से प्यार करता हूं। राजनीति को घर में घुसने नहीं देना चाहिए। मैंने अपनी बहन के खिलाफ सुनेत्रा को मैदान में उतारकर गलती की। ऐसा नहीं होना चाहिए था। लेकिन (एनसीपी के) संसदीय बोर्ड ने फैसला लिया। अब मुझे लगता है कि यह फैसला गलत था।”
यह उनका निजी मामलाः प्रफुल्ल पटेल
शरद पवार के खिलाफ बगावत के दौरान अजित पवार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे प्रफुल्ल पटेल से जब बुधवार को इस बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “यह उनका निजी मामला है, उनके परिवार का मामला है। वह राज्य के वरिष्ठ नेता हैं और हमारी पार्टी एनसीपी के अध्यक्ष हैं। अगर उन्होंने कुछ कहा है तो मुझे नहीं लगता कि इस बारे में मेरा कुछ और कहना उचित होगा।”
रक्षाबंधन में दूर होगी खटास?
यह पूछे जाने पर कि क्या वह अगले सप्ताह रक्षाबंधन पर सुले से मिलने जाएंगे, पवार ने कहा कि जब वह दौरे पर होंगे तो यदि उनकी बहनें एक ही स्थान पर होंगी तो वह उनसे मिलने का प्रयास करेंगे। महाराष्ट्र के मंत्री दीपक केसरकर ने कहा, “हमें परिवार को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए। एक भाई के तौर पर यह उनका (अजित पवार का) कर्तव्य है कि वे रक्षाबंधन मनाने जाएं। साथ ही, एक राजनीतिक नेता के तौर पर वे चुनाव जीतने के लिए महायुति (भाजपा, शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी का गठबंधन) की अगुवाई करें।”