जम्मू-कश्मीर में 3 चरणों में मतदान, 4 अक्टूबर को नतीजे आएंगे; संपूर्ण विवरण, देश न्यूज़
जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 की तारीख: जम्मू-कश्मीर में अगले महीने 18 सितंबर को तीन चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे। 4 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित किये जायेंगे। भारत के मुख्य इलेक्ट्रॉनिक्स कमिश्नर राजीव कुमार ने आज 16 अगस्त को तारीखों का खुलासा किया। जम्मू-कश्मीर में इस विधानसभा चुनाव के कई बाद हो रहे हैं। 2014 के बाद राज्य में कोई भी विधानसभा चुनाव नहीं हुआ। केंद्रशासित प्रदेश बनने के बाद यह पहला मौका होगा जब यहां विधानसभा का चुनाव होगा।
तीन चरणों में कब होगा चुनाव-
पहला चरण: 18 सितंबर
दूसरा चरण: 25 सितंबर
तीसरा चरण- 1 अक्टूबर
नतीजे: 4 अक्टूबर
इस बार चुनाव प्रक्रिया की शॉर्टलिस्ट जारी की गई है। यानि इलेक्शन कुल 3 स्टेज में आयोजित किये जायेंगे, जिसमें सभी 90 विधानसभाओं के लिए अपने-अपने फ्रेंचाइजी का प्रयोग किया जायेगा। चुनाव के लिए कुल 11838 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, और लगभग 87.09 करोड़ दर्शक अपने दर्शकों के लिए आगे आएंगे। राजीव कुमार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के 90 जिलों में 42.6 लाख महिलाएँ हैं, जिनमें कुल 87.09 लाख महिलाएँ हैं। इनका पहला बार के किरदार 3.71 लाख। 20 लाख के करीब युवा सितारे। कुल 11838 मतदान केंद्र होंगे। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि इलेक्टर रोल बनने की प्रक्रिया चालू है। 19 अगस्त को जापान की यात्रा समाप्त होगी और 20 अगस्त को कोरियन यात्रा होगी। सभी को इसकी कॉपी दी जाएगी। चुनाव प्रक्रिया में स्वतंत्र और राजनेताओं के लिए सुरक्षा संरचनाओं की सुरक्षा की जाती है।
जम्मू कश्मीर में गियरबॉक्स का गुणांक
जम्मू-कश्मीर में 5 अगस्त, 2019 के बाद राजनीतिक अस्थिरता भी बदल गई। अनुच्छेद 370 के बाद पेट्रोलियम और राज्य की बहाली के बाद जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया है। इसके अलावा अब यहां कुल 90 दृश्य हैं। पहले यहां 87 मंदिर शामिल थे, जिनमें 4 मंदिर शामिल थे। ऐसे में फिर से होश में आने के बाद जब अलग केंद्र शासित प्रदेश बना तो जम्मू-कश्मीर में 83 वें स्थान पर ही सामान रखा गया। फिर चुनाव आयोग ने 7 प्रिसीमन के बाद 7 प्रीसीमन का खंडन किया और अब कुल 90 पद हैं। इनमें से कश्मीर क्षेत्र के 47 पर्यटक हैं। वहीं जम्मू में अब 43 पर्यटक हैं। इसके पहले कश्मीर में 46 अवशेष शामिल थे और जम्मू क्षेत्र में 37 मंदिर शामिल थे। परिसीमन के बाद जम्मू क्षेत्र में 6 हिस्सों में बढ़ोतरी हुई और कश्मीर में भी एक सीट का टूटना हुआ। 9 दर्शनीय स्थल ST (अनुसूचित जनजाति) के लिए प्रस्थान किया गया है।
पिछली बार कब हुआ था चुनाव?
जम्मू-कश्मीर में पिछली बार विधानसभा चुनाव नवंबर और दिसंबर 2014 में हुए थे। इस निर्वाचन राज्य की विधानसभा के 87 नामांकन के लिए आयोजित किए गए थे। चुनाव प्रक्रिया में कई चरण पूरी तरह से शामिल हैं। दार्शनिकों में प्रमुख रूप से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), डेमोक्रेटिक डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस शामिल थे।
2014 के चुनाव में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला। पीडीपी ने 28 परदे पर जीत हासिल की, जबकि बीजेपी ने 25 परदे पर जीत दर्ज की। राष्ट्रीय सम्मेलन और कांग्रेस ने क्रमशः 15 और 12 मंदिर बनाये। इस चुनाव के बाद, पीआईपी और बीजेपी ने गठबंधन सरकार बनाने का निर्णय लिया, जिसमें पीडीपी के प्रमुख मुफ्ती मोहम्मद सईद ने मुख्यमंत्री का पद संभाला।
हालाँकि, इस गठबंधन में कई असहमति और समानता के कारण सरकार अस्थिर रही। मुफ़्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद उनकी बेटी हुबा मुफ़्ती ने मुख्यमंत्री पद पर कब्ज़ा कर लिया। लेकिन गठबंधन में तनाव बढ़ गया और अंततः 2018 में बीजेपी ने समर्थन वापस ले लिया, जिससे राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया।
इसके बाद, अगस्त 2019 में, भारतीय संसद ने जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू-कश्मीर और आतंकवाद में विभाजित कर दिया। इस बदलाव के बाद, जम्मू-कश्मीर में अभी तक किसी भी विधानसभा का चुनाव नहीं हुआ है, और इसे केंद्र द्वारा मंजूरी दी जा रही है।
जम्मू-कश्मीर में कई बुजुर्ग पुलिस अधिकारियों का जमावड़ा
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शुक्रवार को बड़े पैमाने पर अवैध खनन किया, प्रशासन ने कई वरिष्ठ अधिकारियों को बंधक बना लिया, जबकि खुफिया शाखा को नए प्रमुख मिल में भेज दिया गया। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने तीन अलग-अलग वर्गों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को अचानक स्थानांतरित कर दिया है। भारतीय पुलिस सेवा (एआईपीएस) के वरिष्ठ अधिकारी नलिन प्रभात को जम्मू-कश्मीर पुलिस का विशेष नियुक्त किए जाने के एक दिन बाद यह निर्णय लिया गया। 30 सितंबर को आर आर स्वैन के सेवानिवृत्त होने के बाद प्रभात बल के प्रमुखों की भूमिका निभाएंगे।
केंद्र शासित प्रदेश के पुलिस बल में ये घटनाएं और अधिकारियों के सचिवालय और नियुक्तियों के लिए केंद्र प्रदेश के विधानसभा चुनाव की पूर्व सूचना स्पष्ट रूप से देखी जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने यहां 30 सितंबर से पहले चुनाव के निर्देश दिए थे। सरकार की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है, ”प्रशासन के हित में यह आदेश दिया गया है कि नीतीश कुमार, अपराधी (एजी स्टॉकटी: 1999) एडी जेपी सी डॉबी को सी डॉबीबी प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया है।