बीफ के सामान, फ्लैट में घुसे विहिप नेता; जम्मू-कश्मीर पुलिस ने की गिरफ्तारी
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने डोडा जिले में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के एक नेता के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। उनके खिलाफ पियानोवादक को धमाकाने और शांति भंग करने का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने कहा कि विहिप नेता की पहचान अनिरुद्ध भाऊ के रूप में हुई है, जो डोडा के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अवकाश चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी है। उसे निजी जमानत पर रिहा कर दिया गया है।
इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि विहिप के जम्मू-कश्मीर अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने इस पर दंगे का आरोप लगाया और गोमांस की बिक्री में माफियाओं की भीड़ को शामिल कर स्थानीय पुलिस अधिकारियों पर दबाव बनाने का आरोप लगाया। गुप्ता ने कहा, “हम मामले की जांच कर रहे हैं और इस मुद्दे को उच्च अधिकारियों के समक्ष उठाएंगे।” उन्होंने दावा किया कि अनिरुद्ध के कहने पर पुलिस ने कुछ दिन पहले सिटी की एक दुकान गोमांस को जब्त कर लिया था।
इस बीच डोडा क्षेत्र में आरोप लगाया गया कि वीएचपी नेता अपने कुछ साथियों के साथ 15 अगस्त की रात को शहर के भारत रोड पर एक वाहन क्षेत्र में पहुंचे और वहां की दुकान-पीने की प्रतिष्ठा की जांच करने लगे। वे सबसे पहले मोमोज़ क्लॉज़ वाली एक दुकान पर गए और पाठकों से पूछा कि वह मोमोज में गोमांस का उपयोग क्या कर रही है। स्थानीय लोगों ने बताया कि जब उन्हें बताया गया कि वह मोमोज़ में केवल चिकन का इस्तेमाल कर रहा है, तो वे बरकत अली ने एक बेकरी की ओर चले गए और वहां पूछताछ की और आरोप लगाया कि वह गोमांस बेच रहा है। जब मालिक और कुछ यूक्रेनी ने अपने व्यवहार और बेकरी में प्रवेश किया तो भाऊ और उसके साथियों ने कथित तौर पर कथित तौर पर बहस करना शुरू कर दिया।
इस बीच अन्य स्थानीय लोग इकट्ठे हो गए और भाऊ और उसके दोस्त अपनी कार से भाग गए। बाद में लोगों ने पुलिस को बुलाया जिन्होंने वाहनों को जब्त कर लिया। सूत्र ने बताया कि बाद में भाऊ को जेल में डाल दिया गया और डोडा पुलिस स्टेशन के गोदाम में निजी जमानत पर रिहा कर दिया गया।
पुलिस में शिकायत दर्ज कराने वाले बरकत अली ने कहा कि कार के बोनट पर वीएचपी का झंडा लगा हुआ था। 13-14 अगस्त की रात को भाऊ ने अपने साथियों के साथ मिलकर डोडा शहर के नेहरू चौक इलाके में एक दुकान में कथित तौर पर दुश्मनी की और दावा किया कि वह विश्विद्यालय गोमांस बेच रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि उस समय वामपंथी जम्मू में थे।
स्थानीय लोगों ने बताया कि भाऊ और उसके साथियों की निशानदेही पर पुलिस ने मटन का दौरा किया और वहां से मटन के कुछ टुकड़े-टुकड़े कर उन्हें जब्त कर लिया और उन्हें जांच के लिए भेज दिया। दस्तावेज़ ने बताया कि पुलिस ने उसे 15 अगस्त को क़ानून में ले लिया था। उसी दिन शाम को स्थानीय अस्थिरो ने उसे निजी ज़मानत पर छोड़ दिया। एक बुजुर्ग पुलिस अधिकारी ने बताया कि भाऊ के खिलाफ दस्तावेज दर्ज किए गए हैं और जांच जारी की गई है।