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जिस तारीख को डेब्‍यू किया, 10 साल बाद उसी को खेला आखिरी टेस्‍ट, विपक्षी टीम-ग्राउंड सेम, भारत का कप्‍तान भी रहा

नई दिल्‍ली. भारतीय क्रिकेटर गुलाम अहमद (Ghulam Ahmed) का करियर अजीब संयोगों से भरा है. इस क्रिकेटर ने जिस तारीख को टेस्‍ट करियर का आगाज किया, 10 साल के बाद उसी तारीख को करियर का आखिरी टेस्‍ट खेला. यही नहीं, डेब्‍यू और आखिरी टेस्‍ट के दौरान प्रतिद्वंद्वी टीम और स्‍टेडियम भी समान था. दोनों ही बार कलकत्‍ता (अब कोलकाता) के ईडन गार्डंस पर वेस्‍टइंडीज के खिलाफ उन्‍होंने यह मैच खेले.

दाएं हाथ के ऑफ ब्रेक बॉलर और बल्‍लेबाज गुलाम अहमद ने भारत (Indian cricket Team) की ओर से 1948 से 1959 के बीच 22 टेस्‍ट मैच खेले. तीन टेस्‍ट में उन्‍होंने कप्‍तानी की जिसमें ईडन गार्डंस पर इंडीज टीम के खिलाफ उनके करियर का आखिरी टेस्‍ट शामिल रहा. क्रिकेट से रिटायर होने के बाद वे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड से ए‍डमिनिस्‍ट्रेटर के तौर पर जुड़े. वर्ल्‍डकप 1983 में कपिल देव की कप्‍तानी वाली जो भारतीय टीम चैंपियन बनी थी, उसका सिलेक्‍शन गुलाम अहमद की अगुवाई वाली कमेटी ने ही किया था. BCCI के उपाध्‍यक्ष और सचिन के तौर पर भी उन्‍होंने सेवाएं दीं.

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डेब्‍यू टेस्‍ट में लिए 6 विकेट लेकिन आखिरी टेस्‍ट..
4 जुलाई 1922 को तत्‍कालीन आंध्रप्रदेश के हैदराबाद में पैदा हुए गुलाम ने घरेलू क्रिकेट के शानदार प्रदर्शन के बदौलत भारतीय टीम में जगह बनाई और 31 दिसंबर 1948 को 26 साल की उम्र में पहला टेस्‍ट खेला. वेस्‍टइंडीज के खिलाफ इस टेस्‍ट में पहली पारी में 4 और दूसरी पारी में 2 विकेट लेकर उन्‍होंने अपने सिलेक्‍शन को सार्थक साबित किया. यह टेस्‍ट ड्रॉ रहा था. इसके ठीक 10 साल बाद, 31 दिसंबर 1958 को गुलाम ने ईडन गार्डंस पर वेस्‍टइंडीज के खिलाफ ही आखिरी टेस्‍ट खेला. गुलाम के इस ‘विदाई’ टेस्‍ट को वेस्‍टइंडीज के बैटर रोहन कन्‍हाई के शानदार दोहरे शतक (258 रन) के लिए याद किया जाता है. इस मैच में गुलाम अहमद का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था और वे एक विकेट लेने के अलावा 4 रन ही बना पाए थे. वेस्‍टइंडीज ने पारी के अंतर से इस टेस्‍ट में जीत हासिल की थी.

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लाइन-लेंथ पर था कमाल का नियंत्रण
लंबे कद के गुलाम अहमद को स्‍मूद एक्‍शन और गेंदों की लाइन-लेंथ पर नियंत्रण के लिए जाना जाता था. वीनू मांकड, सुभाष गुप्‍ते के साथ उनकी स्पिन तिकड़ी ने एक दशक तक भारतीय स्पिन आक्रमण की कमान संभाली. गुलाम ने टेस्‍ट में 30.17 के औसत से 68 विकेट (सर्वश्रेष्‍ठ 7/49) हासिल किए. पारी में 4 बार उन्‍होंने पांच या इससे अधिक विकेट और एक बार टेस्‍ट में 10 विकेट (10/130) लिए. निचले क्रम के बैटर के तौर पर 192 रन (एक अर्धशतक) भी उन्‍होंने बनाए. जिस ईडन गार्डंस पर गुलाम ने करियर का पहला और आखिरी टेस्‍ट खेला, उसी मैदान पर अपना सर्वश्रेष्‍ठ बॉलिंग प्रदर्शन भी दिया.नवंबर 1956 में ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ कलकत्‍ता टेस्‍ट में उन्‍होंने ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ पहली पारी में 7 और दूसरी पारी में 3विकेट हासिल किए थे. उनके इस प्रदर्शन का भारतीय टीम को 94 रन की जीत दिलाने में अहम योगदान रहा था. फर्स्‍ट क्‍लास क्रिकेट के 98 मैचों में 22.57 के औसत से 407 विकेट और 1379 रन गुलाम अहमद के नाम पर दर्ज हैं. इस दौरान उन्‍होंने 9 बार मैच में 10 या इससे अधिक विकेट झटके.

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10वें विकेट के लिए की थी 109 रन की पार्टनरशिप
गुलाम वैसे तो मूल रूप से बॉलर थे लेकिन 2004 तक 10वें विकेट के लिए भारत की ओर से सबसे बड़ी पार्टनरशिप का रिकॉर्ड हेमू अधिकारी-गुलाम अहमद की जोड़ी के नाम पर ही था. इन दोनों ने अक्‍टूबर 1952 में पाकिस्‍तान के खिलाफ दिल्‍ली टेस्‍ट में आखिरी विकेट के लिए 109 रन जोड़े थे. इस दौरान अधिकारी ने नाबाद 81 और गुलाम ने 50 रनों का योगदान दिया था. 10 दिसंबर 2004 को सचिन तेंदुलकर-जहीर खान की जोड़ी ने बांग्‍लादेश के खिलाफ ढाका टेस्‍ट में आखिरी विकेट के लिए 133 रन जोड़कर यह रिकॉर्ड तोड़ा. सचिन-जहीर के बाद भुवनेश्‍वर कुमार और मोहम्‍मद शमी की जोड़ी ने भी जुलाई 2014 में नॉटिंघम टेस्‍ट में 111 रन जोड़े थे.

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टेनिस स्‍टार सानिया मिर्जा से रिश्‍तेदारी
पाकिस्‍तान के पूर्व क्रिकेटर व कप्‍तान आसिफ इकबाल और भारत की टेनिस स्‍टार सानिया मिर्जा की गुलाम अहमद से करीबी रिश्‍तेदारी है. बता दें, पाकिस्‍तान की ओर से इंटरनेशनल क्रिकेट खेले आसिफ इकबाल का जन्‍म भारत के हैदराबाद शहर में ही हुआ था और गुलाम उनके मामा थे. आसिफ इकबाल ने गुलाम से ही क्रिकेट की बारीकियां सीखी थीं. इसी तरह सानिया के पिता इमरान मिर्जा रिश्‍ते में गुलाम अहमद के भतीजे थे. सानिया के पिता ने एक बार अपने अंकल (गुलाम अहमद) का मंसूर अली खान पटौदी और सर डॉन ब्रेडमैन के साथ X पर फोटो पोस्‍ट करके इस रिश्‍तेदारी के बारे में जानकारी दी थी.

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