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10 साल की नौकरी पर ₹10000 पेंशन, सरकारी कर्मचारियों के लिए नई स्कीम, जानें हर डिटेल

एकीकृत पेंशन योजना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में तीसरी बार सत्ता में आई एनडीए सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) के तहत सरकारी कर्मचारियों के लिए मूल वेतन यानी बेसिक सैलरी का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में सुनिश्चित करने को मंजूरी दी है। इसका मतलब ये हुआ कि सरकारी कर्मचारी की जितनी आखिरी बेसिक सैलरी होगी,  शर्तों के साथ उसका 50 फीसदी पेंशन के रूप में मिलेगा। बता दें कि 50% सुनिश्चित पेंशन की राशि वार्षिकीकरण से पहले 12 महीनों के बेसिक वेतन का औसत होगी।

वहीं, जिन कर्मचारियों ने 10 साल तक नौकरी की है उनको 10 हजार रुपये मासिक पेंशन देने का प्रस्ताव है। फैमिली पेंशन की बात करें तो दिवंगत सरकारी कर्मचारी की आखिरी सैलरी का 60 पर्सेंट तक देने का प्रावधान है। आइए इस नई योजना के बारे में विस्तार से जानते हैं।

नई योजना के फीचर्स

इस योजना में कर्मचारी को 25 वर्ष की सेवा के बाद आखिरी वर्ष के औसत वेतन के 50 प्रतिशत के बराबर पेंशन मिलेगी। यूपीएस के लिए सरकार 18.5 प्रतिशत का योगदान करेगी और इसमें फैमिली पेंशन, गारंटीशुदा न्यूनतम पेंशन और रिटायरमेंट के बाद एकमुश्त भुगतान के भी प्रावधान किये गये हैं। इस योजना से 30 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा होने की उम्मीद है और राज्य सरकारें यूपीएस को लागू करती हैं तो कुल 90 लाख कर्मचारियों को इसका फायदा हो सकेगा।

एनपीएस पर भी तोहफा

नेशनल पेंशन स्कीम यानी एनपीएस में सरकार अपनी ओर से 14 प्रतिशत अंशदान करती है, इसे बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके साथ ही कर्मचारियों को एनपीएस से यूपीएस से चुनने का विकल्प केवल एक बार के लिए होगा।

-एनपीएस और यूपीएस दोनों ही में कर्मचारियों का अंशदान शामिल होगा। यूपीएस में सरकारी कर्मचारियों को अपनी ओर से कोई अतिरिक्त अंशदान नहीं करना पड़ेगा। इसमें केवल सरकार का अंशदान बढ़ाया जा रहा है। यूपीएस अगले वित्तीय वर्ष यानी एक अप्रैल 2025 से लागू होगा।

-बता दें कि सरकारी कर्मचारियों के लिये एनपीएस एक चुनावी मुद्दा बन गया था, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने पिछले कुछ चुनावों के दौरान इस योजना को खत्म कर पुरानी योजना लागू करने का वादा किया था।

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