नहीं रहे पर्ल ग्रुप के मालिक निर्मल सिंह भांगू, 5 करोड़ लोगों को ठग कर बनाया था अरबों का साम्राज्य, कभी चुराते थे दूध
चिटफंड कंपनी पीएसीएल यानी पर्ल्स ग्रुप से देश के करीब 5 करोड़ लोगों को 50 हजार करोड़ का चूना लगाने वाले निर्मल सिंह भांगू की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार दिल्ली की जेल में तबीयत खराब होने के बाद भांगू को दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हो गई थी। पीजीआईएफ लिमिटेड के प्रबंध निदेशक निर्मल सिंह भांगू द्वारा 8 जनवरी, 2016 को पीजीआईएफ/पीएसीएल लिमिटेड द्वारा संचालित चिट फंड के संस्थापक को गिरफ्तार किया गया था। वह अभी जेल में ही थी।
पर्ल्स ग्रुप के मालिक निर्मल सिंह भंगू पंजाब के बरनाला जिले में रहने वाले थे। उन्होंने साइकिल से दूध बेचने की शुरुआत की थी। इसके बाद 70 के दशक में नौकरी की तलाश में कोलकाता चला गया। वहां उन्होंने एक जांच कंपनी पियरलेस में कुछ साल तक काम किया। इसके बाद उनके जांचकर्ताओं ने करोड़ों की संख्या में रहने वाली हरियाणा की कंपनी गोल्डन फॉरेस्ट इंडिया लिमिटेड में काम करना शुरू कर दिया। यह कंपनी बंद होने के बाद निर्मल सिंह शेखावत हो गए लेकिन इसी दौरान उन्होंने चितफंड के नाम पर लोगों को ठगने का अच्छा-खासा भूखा सीख लिया। उन्होंने 1980 में पर्ल स्टॉकहोम में कंपनी नाम की कंपनी बनाई, जो लोगों से सागौन जैसी कंपनी के प्लांटेशन पर इन्वेस्टमेंट कर अच्छा रिवेक्शन वापसी का वादा करती थी। 1996 तक उसने करोड़ों रूपये की वैल्युएशन टैक्स की मांग की थी लेकिन अन्य जांचों के बाद इस कंपनी को बंद कर दिया गया।
मोटोएला नेतृत्व का लालच करोड़ों रुआब निवेश निवेशक
निर्मल सिंह भांगू ने 1996 में पीएसीएल के स्वामित्व वाली रियल एस्टेट कंपनी बनाई और फिर इसे निवेश स्कॉच में बदल दिया। लोगों को नए निवेश का प्रस्ताव का लालच, करोड़ों रुपए का निवेश और देखते ही देखते 5 करोड़ भोले-भाले युवाओं ने 50000 करोड़ रुपए का निवेश करवा लिया। पीएसीएल करीब 30 लाख एजेंट संघ से अपना सौदा चलाती थी। इसी सिद्धांत से भंगू ने अरबों रुपयों का साम्राज्य खड़ा कर लिया। आज देश के लगभग हर छोटे-बड़े शहरों में भंगूओं की अरबों की संपत्तियां हैं। ऑस्ट्रेलिया और अन्य जगहों पर भी उसकी बेशकीमती संपत्ति है।
रियल स्टेट कंपनी भी निवेश फर्म की तरह काम करती है
इसी दौरान पर्ल ग्रुप की भारतीय सिक्योरिटी और इलेक्ट्रॉनिक्स बोर्ड (सेबी) पर नजरें टिक गईं। सेबी ने अपनी जांच में पाया कि पीएसीएल ने आवेदकों को करीब 50 हजार करोड़ रुपये की योजना के लिए बुलाया है। रियल एस्टेट कंपनी के होने के बावजूद भी चिट फंड कंपनी के रूप में काम करना सेबी को संदिग्ध लगा। सेबी की जांच के दौरान पीएसीएल कोर्ट की अदालत में चली गई। कोर्ट में 8 साल तक मामला चला लेकिन पीएसीएल के बिजनेस में तब तक कई गुना तक बढ़ोतरी हो चुकी थी। साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने पीएसीएल के खिलाफ फैसला सुनाया और एक संकेत में उद्यमियों के करोड़ों रुपये डूब गए। निर्मल सिंह भांगू के पर्ल ग्रुप के गोदाम के बाद यह 50000 करोड़ रुपये का भंडार निकला। इसके बाद मामले में पीएचडी की एंट्री हुई और एचडी ने भांगू की देश-विदेश की विरासत कर ली। भंगू ने लोगों से हजारों करोड़ रुपए इकट्ठा किए, पोस्टर में प्लॉट थे।
ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज खिलाड़ी ब्रेट ली ने साइन के लिए विज्ञापन किया था
निर्मल सिंह भांगू ने दोस्ती और फिल्म स्टार के साथ मिलकर काम किया। पीएसीएल ने आईपीएल और विश्व एथलेटिक्स टूर्नामेंट का भी प्रायोजक और न्यूज चैनल भी शुरू किया। ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज खिलाड़ी ब्रेट ली के विज्ञापन के लिए साइन किया गया। 8 जनवरी, 2016 को चिट फंड घोटाले में शामिल बदमाश ने भंगू कंपनी के चार अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया था। 14 सितंबर, 2023 को पंजाब विजलेंस ब्यूरो ने पर्ल्स ग्रुप के मालिक भांगू की पत्नी प्रेम कौर को गिरफ्तार कर लिया। वह काफी समय से केस की जांच में किसी बिल्डर से बचती आ रही थी। उसे पीएसीएल लिमिटेड से संबंधित सामानों को हस्तशिल्प के मामले में शामिल किया गया था। यह केस तीन साल पहले थाना शहर जीरा चॉकलेटपुर में दर्ज किया गया था। आरोप है कि उसने राज्य में पीएसीएल व पीआईएएफ की सहायक कंपनी व ग्रुप के सहयोगियों के साथ सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विपरीत अपने बंदियों को उन्हें बेचने का अधिकार दिया था।
अब भी करोड़पति के पास
सुप्रीम कोर्ट ने आरआरकेट (सेवानिवृत्त) आरएसी लोढ़ा की अवाम में पीएसीएल लिमिटेड की पहचान की और उनकी बिक्री से प्राप्त आय को उन आवेदकों को वापस लेने के लिए एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया गया था। इसके डूबे हुए पैसे को वापस नीचे भी दिया गया है। जिन लोगों के पास पीएसीएल में निवेश के दस्तावेज हैं, उनमें से कुछ लोगों का पैसा वापस जा चुका है और कुछ लोगों का पैसा वापस जा चुका है।
रिपोर्ट: मोनी देवी