किराए पर फ्लैट पर लेडी डॉक्टर ने किराए पर लिया कबाड़, फिर बुजुर्ग को करना पड़ा ये काम, झकझोर देवी की कहानी
फार्मास्युटिकल में फ्लैट फैक्ट्री, फिर उसे किराए पर लेने वाले सामान पर सामान रखने वाली जगह पर सभी को अच्छा लगता है, लेकिन कई बार ऐसे हालात पैदा हो जाते हैं, जब आप अपनी ही चीज के लिए संघर्ष की लंबी लड़ाई लड़ते हैं। ऐसी ही एक कहानी है मौलाना के रहने वाले माल आधिपत्य सिंह की, जिन्होनें किराएदार से फ्लैट का कबाड़ा लेने के लिए ढाई साल तक संघर्ष किया। यह कहानी आपको झकझोर कर रख देगी देवी।
93 बी के ग्रैंड ओमे एस्टेट में अपार्टमेंट किराए पर लेकर किराए पर रहने वाले करीब ढाई साल तक किराए के मकान मालिक ने अपनी कहानी न्यूज18 को बताई है। मालकिन सिंह अब खुश हैं कि 27 अगस्त को उनके घर की चाबी मिल गई है।
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माल्या सिंह ने बताया, आज से करीब 11 साल पहले जब मेरे दोस्त पढ़ रहे थे तो अपने पसंदीदा जीवन को बेहतर तरीके से काटने के लिए मैंने सेक्टर 93 बी की ग्रैंड ओमे सोयायटी में एक अपार्टमेंट खरीदा। शेयरधारकों की पढ़ाई के कुछ समय पहले तक अभी भी अलगाव में ही रहना था तो मार्च 2021 में उस अपार्टमेंट को सोसायटी के ही एक जाने-माने मनोरंजन पर चिंता के एक बेहद अच्छे अचूक विशेषज्ञताल में काम कर रही डॉक्टर मनाली अग्रवाल को किराए पर लेना पड़ा दिया.’
‘ मनाली को अपार्टमेंट देने के लिए 3 साल का एग्रीमेंट भी किया गया था, हालांकि इसमें एक क्लॉज भी शामिल था कि एक महीने का नोटिस देकर मैंने अपार्टमेंट खाली करने के लिए कहा था और वह भी अपनी इच्छी से वह अपार्टमेंट खाली करके जा सकती थी। जनवरी 2022 में मैंने फ्लैट खाली करने का नोटिस दिया। जब 30 दिन की नोटिस की तारीख पास आई और मुझे चाबी मिली तो उसने मुझे हेरेसमेंट का मैसेज डाला और कहा कि आप मुझे हेरास कर रहे हैं। अब मेरे पास जाने के लिए कुछ नहीं था।’
कोर्ट में केट चक्रकर
तब मेरे ऊपर जबरन केस दर्ज किया गया। बंद साल तक वैध लेकिन 25 मई 2023 को सूरजपुर कोर्ट ने लेडी डॉटर को ऑर्डर दिया कि 30 दिन के अंदर आपने ये अपार्टमेंट खाली कर दो कोर्ट के ऑर्डर के 7 महीने बाद भी उसने अपार्टमेंट खाली नहीं किया और जून 2023 से बिजनेसमैन ने भी बंद कर दिया।
व्यापारी बंद, व्यापारी बंद व्यापारी
जब हमारा फ्लैट बंद हो गया, तो केस के लिए भी पैसे खर्च करने पड़े और मेरे पास भी एक बड़ा आर्थिक संकट पैदा हो गया। प्रतिष्ठान के लिए भी बाहर निकल गए थे। साड़ी भाग मुझे ही करनी पड़ रही थी।
फिर कोर्ट में इलेक्ट्रॉनिक पैड ए प्लीलिकेशन
जब कोर्ट के आदेश के बाद भी डॉ. ट्रैक्टटर ने फ्लैट खाली नहीं किया तो मैंने कोर्ट में फिर एक प्लिकिलिकेशन दी और कहा कि वह कोर्ट के आदेश को भी नहीं मान रहा है। मैं बार-बार बस यही पूछ रहा था कि मेरी तबीयत खराब है, वह किस बात का बदलाव ले रही थी। उसके बाद जून 2024 को सूरजपुर ग्रेटर कोर्ट ने अंतिम आदेश जारी किया और 27 अगस्त 2024 को मेरा फ्लैट मुझे वापस मिल सका।
घर का हाल बेहाल था
सिक्युरिटी गार्ड्स ने मुझे बताया कि फरवरी 2024 में एक खाली फ्लैट दिया गया था लेकिन उसके गेट पर अपना लॉक लगा हुआ था। जब मैं 27 अगस्त को फ्लैट के अंदर गया तो रोना आ गया। फ्लैट का घर बनाया गया था. कई कलाकृतियाँ टूटी-फूटी हुई थीं। घर पूरा बॅका हुआ था. व्यापारी को पता चला कि उसने वहां 43 हजार मटर के नोट नहीं भरे थे, वह दिन में था। साथ ही मुझे पिछले लंबे समय से किसी व्यापारी से भी नहीं मिला। लेकिन फ्लैट आख़िरकार मिल गया, बस यही मेरी जीत थी।
मनाली ने नहीं दिया कोई रिक्शन प्लांट
डॉ. मालकिन सिंह के साथ हुई यह घटना मनाली अग्रवाल से वाट्सएप पर रिस्पॉन्स लेबलिंग के लिए अनुरोध किया गया तो सैकेआ मैसेज देखने के बाद कोई उत्तर नहीं दिया गया।
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पहले प्रकाशित : 29 अगस्त, 2024, 18:09 IST