साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय को भारत में परिसर स्थापित करने का लाइसेंस मिला: यूजीसी
साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय: यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) ने यूनिवर्सिटी ऑफ साउथहैंपटन को भारत में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, शोध, ज्ञान आदान-प्रदान और उद्यमिता के लिए लाइसेंस दिया है. ये कैंपस स्थानीय विश्वविद्यालयों, उद्योगों और सरकार के साथ साझेदारी में शोध और ज्ञान आदान-प्रदान करेगा और इसके परिणामों का उपयोग सामाजिक और आर्थिक प्रभाव के लिए करेगा.
यूनिवर्सिटी ऑफ साउथहैंपटन के वाइस-चांसलर मार्क ई. स्मिथ ने कहा कि 21वीं सदी में कोई भी विश्वविद्यालय तब तक वैश्विक नहीं हो सकता जब तक वह भारत से नहीं जुड़ता. हमारी योजना भारत में एक ऐसा कैंपस स्थापित करने की है जो शिक्षा, शोध, और ज्ञान आदान-प्रदान में साउथहैंपटन की विश्व स्तरीय गतिविधियों को भारत की बढ़ती वैश्विक महाशक्ति के साथ जोड़कर सामाजिक और आर्थिक मूल्य प्रदान करेगा.
यूनिवर्सिटी ऑफ साउथहैंपटन के वाइस-प्रेसिडेंट प्रो. एंड्रयू एथर्टन ने कहा कि यूनिवर्सिटी ऑफ साउथहैंपटन दिल्ली एनसीआर भारत में पहला व्यापक अंतरराष्ट्रीय कैंपस होगा. यह अकादमिक सहयोग को बढ़ावा देगा और भारतीय उच्च शिक्षा प्रणाली में अंतरराष्ट्रीय आयाम जोड़ेगा.
➡️ के सपने को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम #एनईपी2020भारत में परिसर स्थापित करने के लिए ब्रिटेन के साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय को आशय पत्र जारी किया गया
➡️ केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर (@DrSJaishankar) ने इस अवसर पर भाग लिया… pic.twitter.com/aBt1f1I060
— पीआईबी इंडिया (@PIB_India) 29 अगस्त, 2024
नया कैंपस बनेगा विश्व-स्तरीय शिक्षा का केंद्र
इससे भारत में ही टॉप 100 डिग्री प्राप्त करने के अवसर खुलेंगे. वहीं, ब्रिटिश हाई कमिश्नर टू इंडिया, लिंडी कैमरॉन ने कहा कि नया कैंपस विश्व-स्तरीय शिक्षा का केंद्र बनेगा. इससे अधिक ब्रिटिश छात्रों को भारत में रहने और अध्ययन करने का अवसर मिलेगा. यह सहयोग शैक्षिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देगा और हमारे दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करेगा. उधर, ब्रिटिश काउंसिल की निदेशक, एलिसन बैरेट एमबीई ने कहा कि यूनिवर्सिटी ऑफ साउथहैंपटन का भारत में कैंपस स्थापित करने का निर्णय भारत और यूके के बीच फलते-फूलते शिक्षा साझेदारी का प्रमाण है.
साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय को आशय पत्र सौंपने के अवसर पर उपस्थित होकर प्रसन्नता हुई, जो NEP 2020 के अंतर्गत भारत में एक परिसर स्थापित करेगा।
यह हमारे शैक्षिक मानकों को उच्चतम वैश्विक स्तर तक बढ़ाने और शिक्षा प्रदान करने के दृष्टिकोण को दर्शाता है… pic.twitter.com/PK2AxSq9fQ
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) 29 अगस्त, 2024
प्रतिबद्ध है भारत
केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि ये हमारे शिक्षा मानकों को वैश्विक स्तर तक उठाने और भारत-यूके सहयोग के शिक्षा स्तंभ को साकार करने के दृष्टिकोण को दर्शाता है. वहीं, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि भारत एक ‘विश्व-बंधु’ के रूप में अपनी वैश्विक जिम्मेदारियों को पूरा करने और शिक्षा, नवाचार और प्रगति के लिए एक उज्जवल भविष्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.
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