हरतालिका तीज पूजा में शामिल न करें ये चीजें, अन्यथा अधूरा रह जाएगा व्रत
रिपोर्ट- सर्वेसर्वा
वाह: सनातन धर्म में हरितालिका तीज का पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का पर्व मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं अपने जीवन में सुखी जीवन की कामना के लिए व्रत रखती हैं। हरतालिका तीज के दिन मुख्य रूप से भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा की जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी तिथि पर महादेव ने माता पार्वती को पत्नी के स्वरूप में स्वीकार किया था। ऐसे में अगर आप हरतालिका तीज का व्रत रखते हैं तो पूजन सामग्री और पूजन विधि के बारे में जानकारी रखना जरूरी है। अध्ययन आज हम आपको इस रिपोर्ट में प्रशिक्षु हैं।
दरअसल, अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाएगा। इस साल हरतालिका तीज का व्रत 6 सितंबर को रखा जाएगा। हरतालिका तीज के दिन भगवान शंकर माता पार्वती की पूजा की जाती है।
जानिए पूजा सामग्री
हरतालिका तीज की पूजा के दौरान भगवान शंकर और माता पार्वती की मूर्ति, दीपक, अगरबत्ती, धूपबत्ती, घी, पान बाती और कपूर, सुपारी, साबुत नारियल, चंदन, भोग के लिए केला, कलश, आम का पत्ता, केले का पत्ता, धतूर , फूल, बेल का पत्ता, एक पत्ते का पत्ता, 16 आभूषण की वस्तुएं शामिल होनी चाहिए।
जानिए पूजा विधि
हरतालिका तीज के दिन पूजन के दौरान सुबह ब्रह्म उत्सव में स्नान करना चाहिए, व्रत का संकल्प लेना चाहिए, हर रंग का वस्त्र धारण करना चाहिए, पूजा स्थल का अच्छे से साफ-सफाई करना चाहिए, एक कमरे पर लाल रंग का कपड़ा और अन्य सामान रखना चाहिए। उसके बाद भगवान शंकर और माता पार्वती सहित भगवान गणेश की स्थापना की जानी चाहिए। भगवान शंकर को बेलपत्र और माता पार्वती को पूजा का सामान धारण करना चाहिए। उसके बाद अंत में आरती कर भोग लगाना प्रसाद लगाना चाहिए।
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पहले प्रकाशित : 29 अगस्त, 2024, 21:57 IST