साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय भारत से पहले ये पाठ्यक्रम प्रदान करता है, इस देश में पहले ही परिसर खुल चुका है
साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय: ब्रिटेन के साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी, एनईपी के तहत भारत में अपना पहला विदेशी कैंपस स्थापित करने वाला पहला विदेशी विश्वविद्यालय बन गया है. यूजीसी ने 2023 में विदेशी विश्वविद्यालयों के कैंपस स्थापित करने के नियम बनाए थे. यह परिसर गुरुग्राम में स्थापित किया जाएगा और जुलाई 2025 में शुरू होने की उम्मीद है. रिपोर्ट्स के अनुसार यूनिवर्सिटी की ओर से कई कोर्स ऑफर किए जाएंगे. जिनमें छात्र-छात्राएं दाखिला ले सकेंगे.
लेकिन क्या आपको पता है ब्रिटेन का साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय की दुनियाभर में रैंकिंग क्या है और भारत से पहले इसका कैंपस किस देश में खुल चुका है. आइए जानते हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार इस यूनिवर्सिटी का भारत में खुलने वाला कैम्पस बिजनेस एंड मैनेजमेंट, कंप्यूटिंग, कानून, इंजीनियरिंग, कला एवं डिजाइन, जैव विज्ञान और जीवन विज्ञान पर आधारित कोर्स ऑफर करेगा.
क्यूएस रैंकिंग 2025 में मिला ये स्कोर
क्यूएस रैंकिंग 2025 के अनुसार दुनियाभर की यूनिवर्सिटी की लिस्ट में साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय 81वें स्थान पर आता है. जो कई प्रकार के कोर्स ऑफर करता है. हाल ही में जारी क्यूएस रैंकिंग में संस्थान ने 64.1 का स्कोर हासिल किया था. संस्थान से छात्र-छात्राएं अंडर ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट और पीएचडी एंड रिसर्च में डिग्री हासिल करते हैं.
पढ़ते 130 देशों के स्टूडेंट्स
ये इंस्टीट्यूट आर्ट्स और ह्यूमैनिटीज, बिजनेस एंड मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, लाइफ साइंस एंड मेडिसिन, नेचुरल साइंस, सोशल साइंस एंड मैनेजमेंट में कोर्स ऑफर करता है. इस यूनिवर्सिटी में करीब 130 देशों के छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं. साथ ही 63 फीसदी छात्र अंडर ग्रेजुएट और 37 प्रतिशत स्टूडेंट्स पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम में एडमिशन लेते हैं.
इस देश में भी है एक कैंपस
आज विश्वविद्यालय के यूके के साउथेम्प्टन में पांच परिसर हैं और विनचेस्टर में एक कैंपस है. जबकि यूनिवर्सिटी का एक कैंपस मलेशिया में भी है.
यूजीसी ने दी मंजूरी
साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा कि उसका दिल्ली-एनसीआर परिसर देश में शिक्षा, अनुसंधान और ज्ञान के आदान-प्रदान तथा उद्यम गतिविधियों को बढ़ावा देगा. अधिकारियों के अनुसार साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय ने एक शाखा परिसर खोलने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया था, जिसे यूजीसी की स्थायी समिति ने नियमों के अनुसार इंटेंट लेटर जारी करने के लिए मंजूरी दे दी है.
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