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SME IPO को लेकर सख्त मूड में सेबी, निवेशकों के लिए जानना है जरूरी

लघु और मझोले उद्यम (एसएमई) आईपीओ या कंपनियों के रिटर्न को लेकर छिड़ी बहस के बीच अब भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) नियमों को सख्त करने के मूड में है। सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अश्विनी भाटिया ने इसके संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि सेबी एसएमई आईपीओ की निगरानी करने वाले नियमों को कड़ा करेगा। यह टिप्पणी सेबी द्वारा निवेशकों को कई एसएमई के भ्रामक कारोबारी अनुमानों के बारे में आगाह करने के कुछ दिन बाद आई है। भाटिया ने बताया कि इस वर्ष के अंत से पहले इस पहलू पर एक सर्कुलर लेटर लाने की योजना है।

चार्टर्ड अकाउंटेंट को सलाह

भाटिया ने कहा कि इन बदलावों में बेहतर निगरानी और लेखा परीक्षकों के मोर्चे पर कड़ी जांच शामिल हो सकती है। उन्होंने कहा कि यदि चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) अपना काम लगन से करें तो समस्याओं से बचा जा सकता है। भाटिया ने कहा कि प्राथमिक निर्गम वित्त वर्ष के पहले पांच माह में ही दो लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गए हैं, जबकि पिछले पूरे वित्त वर्ष 2023-24 में यह आंकड़ा 1.97 लाख करोड़ रुपये का था।

सेबी ने किया निवेशकों को आगाह

हाल ही में सेबी ने निवेशकों को ऐसी छोटी एवं मझोली कंपनियों (एसएमी) के शेयरों में अपना पैसा लगाने के खिलाफ आगाह किया, जो अपने परिचालन की झूठी तस्वीर पेश करके शेयर मूल्य में हेरफेर करती हैं। बता दें कि लिस्टिंग के बाद कुछ एसएमई कंपनियां या उनके प्रवर्तक ऐसी सार्वजनिक घोषणाएं कर रहे हैं, जिनसे उनके परिचालन की सकारात्मक छवि बनती है। ऐसी घोषणाओं के बाद बोनस इश्यू, स्टॉक स्प्लिट और प्रेफेंशियल अलॉटमेंट जैसी अलग-अलग कॉरपोरेट कार्रवाइयां की जाती हैं।

सेबी ने कहा- निवेशकों से आग्रह किया जाता है कि वे उपरोक्त तरीकों के प्रति सावधान और सतर्क रहें तथा ऐसी प्रतिभूतियों में निवेश करते समय सावधानी बरतें। इसके अलावा, निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे असत्यापित सोशल मीडिया पोस्ट पर भरोसा न करें और सुझावों/अफवाहों के आधार पर निवेश न करें।

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