बिहार के बाद अब यूपी के इस जिले में होगी मखाना की खेती, 50 फीसदी की छूट
वसन्त: बिहार मखाने की खेती के बारे में जानें। लेकिन अब बिहार ही नहीं बल्कि यूपी के किसान भी मखाने की खेती करेंगे। इसके लिए उद्यान विभाग ने पहल की है. यूपी में सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संसदीय क्षेत्र वाराणसी से शुरुआत होगी। इसके लिए अलग-अलग ब्लॉक से किसानों को प्रशिक्षण के लिए बिहार भेजें। इसके अलावा यूपी में मखाने की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकारी अनुदान भी दिया गया।
वाराणसी उद्यान एवं भोजनालय विभाग के वरिष्ठ हॉर्टिकल्चर इंस्पेक्टर ज्योति कुमार सिंह ने बताया कि वाराणसी में मखाने की खेती से किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं। इसके लिए जल्द ही 25 किसानों को रेस्टोरेंट के मखाना संस्थान में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा। इसके लिए वाराणसी के सभी 8 ब्लॉक से किसानों का चयन हुआ है. आलू स्थित मखाना संस्थान में प्रशिक्षण के बाद यह किसान वाराणसी में इसकी खेती शुरू होगी। इसके लिए उद्यान विभाग ने तालाबों का चयन भी कर लिया है। वाराणसी के आसपास के उद्यान में भी इसकी खेती शुरू होगी।
40 हजार प्रति हेक्टेयर क्षेत्रफल
मखाने की खेती के लिए सरकार भी किसानों की मदद ले। शुरुआत में 10 हेक्टेयर के टिकट में इसकी खेती की जाएगी। ज्योति सिंह ने बताया कि मखाने की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर करीब 80 हजार रुपये की लागत आती है। मखाने की खेती करने वाले किसानों को 50 फीसदी यानी 40 हजार रुपये मिलते हैं उद्यान विभाग की तरफ से.
खेती के साथ जल संरक्षण
बता दें कि मखाने की खेती से न सिर्फ किसान मोटी कमाई कर सकता है बल्कि पर्यावरण और जल संरक्षण का भी काम करेगा। क्योंकि मखाने की खेती तालाबों में होती है।इससे जल संरक्षण के साथ तालाबों का संरक्षण भी करना होगा।
पहले प्रकाशित : 2 सितंबर, 2024, 15:21 IST